रांची में शांतिपूर्ण संपन्न हुआ रामनवमी का त्योहार, सुरक्षा के नये उपाय से मिली सफलता

रांची. झारखंड के कुछ जिले में रामनवमी के दौरान दो गुटों के बीच झड़प हुई. जानमाल का भी नुकसान हुआ, पर रांची में यह त्योहार शांतिपूर्ण तरीके से सपन्न हुआ. इसके लिए एसएसपी कुलदीप द्विवेदी ने सुरक्षा के दृष्टिकोण से पहली बार कुछ नये उपाय किये थे. शांति समिति की बैठक में डीसी और एसएसपी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 18, 2016 12:58 AM
रांची. झारखंड के कुछ जिले में रामनवमी के दौरान दो गुटों के बीच झड़प हुई. जानमाल का भी नुकसान हुआ, पर रांची में यह त्योहार शांतिपूर्ण तरीके से सपन्न हुआ. इसके लिए एसएसपी कुलदीप द्विवेदी ने सुरक्षा के दृष्टिकोण से पहली बार कुछ नये उपाय किये थे.
शांति समिति की बैठक में डीसी और एसएसपी द्वारा त्योहार शांतिपूर्ण तरीके से मनाने के लिए अपील की गयी, वहीं दूसरी ओर एसएसपी ने रामनवमी के पहले धार्मिक संगठनाें के करीब 70 लोगों के साथ अलग से पुलिस ऑफिस में बैठक की. उनसे यह आश्वासन लिया कि वे सुरक्षा-व्यवस्था बनाये रखने में पुलिस का सहयोग करेंगे. इसके साथ ही एसएसपी ने रात में विभिन्न संवेदनशील इलाके का खुद दौरा कर वहां की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया.

इलाके की संवेदनशीलता के हिसाब से वहां फोर्स की तैनाती की गयी. पहली बार थानों में शांति समिति की बैठक सिर्फ कोरम पूरा करने के लिए नहीं हुई, बल्कि थानाें में बैठक के बाद एसएसपी के निर्देश पर धार्मिक समुदाय के लोगों के साथ थाना प्रभारी उनके इलाके में गये. उनकी समस्या के संबंध में अलग से बैठक कर जानकारी ली और सुरक्षा के उपाय किये. इसके अलावा सुरक्षा से संबंधित कई नये उपाय किये थे. सुरक्षा से संबंधित विभिन्न निर्देश के अनुपालन में एसएसपी का सहयोग अधीनस्थ पुलिस अफसरों ने भी किया. रांची पुलिस ने टीम भावना के साथ काम किया.
पहली बार जो उपाय किये गये
उपद्रवियों के खिलाफ क्राइम कंट्रोल एक्ट और जिला बदर की कार्रवाई का निर्णय लिया गया था. उपद्रवियों के खिलाफ स्टेशन डायरी इंट्री कर इसकी जानकारी भी दी गयी.
पूजा के काफी पहले सादे लिबास में विभिन्न क्षेत्रों में 40 गुप्तचर तैनात किये गये थे, जिसके कारण प्रत्येक छोटी बात की जानकारी एसएसपी को मिलती रही.
पहली बार 180 सीसीटीवी कैमरे के अलाव ड्रोन कैमरा से निगरानी रखने की व्यवस्था की गयी. महिलाओं की सुरक्षा के लिए अलग से पुलिस बल लगाये गये.
रेडियाे और पोस्टर के माध्यम से अफवाह पर ध्यान नहीं देने और सहयोग करने की अपील की गयी. थाना के स्तर से भी इसका प्रचार-प्रसार किया गया.
अखाड़ों के वोलेंटियर्स की पहचान हो सके, उन पर निगरानी रखी जा सके, इसके लिए उन्हें पुलिस की ओर से टीशर्ट और कैप दिये गये.

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