176 साल पुराना कुआं सूखा
रांची: डिस्टिलरी तालाब के सूखने का असर आस-पास के मोहल्लों में दिखने लगा है. तालाब के सूख जाने से चूना भट्ठा, शांति नगर, भाभा नगर, पीएंड टी कॉलोनी व वर्द्धवान कंपाउंड के दर्जनों चापानल व कुएं सूख गये हैं. वहीं पिछले 176 सालों से कभी न सूखने वाला जायसवाल परिवार का कुआं भी सूख गया […]
रांची: डिस्टिलरी तालाब के सूखने का असर आस-पास के मोहल्लों में दिखने लगा है. तालाब के सूख जाने से चूना भट्ठा, शांति नगर, भाभा नगर, पीएंड टी कॉलोनी व वर्द्धवान कंपाउंड के दर्जनों चापानल व कुएं सूख गये हैं. वहीं पिछले 176 सालों से कभी न सूखने वाला जायसवाल परिवार का कुआं भी सूख गया है.
1963-76 के दौरान रांची के मेयर रहे शिव नारायण जायसवाल कहते हैं कि पहले रांची को सिटी ऑफ लेक कहा जाता था. परंतु अब यहां तालाबों को खत्म पर पार्क व बड़े-बड़े इमारत नगर निगम की ओर से बनाये जा रहे हैं, जो कि गलत है. श्री जायसवाल कहते हैं यह तालाब 1928 में उस समय बनाया गया था, जब रांची जल संकट के दौर से गुजर रही थी. परंतु अब इस तालाब को भर कर पार्क बनाया जा रहा है. वहीं कुआं सूखने के बारे में इंपावर झारखंड के अध्यक्ष आदित्य विक्रम जायसवाल कहते हैं कि नगर निगम व राज्य सरकार पर अब तो हमें कोई भरोसा ही नहीं है. झारखंड हाइकोर्ट की पहल पर ही अब यह तालाब बच सकता है.