सरहुल मिलन समारोह में गीत व नृत्य का हुआ आयोजन, पिस्का मोड़ सरनास्थल को बचायें

रांची: हेसल सरना समिति के तत्वावधान में पिस्कामोड़ स्थित सरना स्थल पर सरहुल मिलन समारोह का आयोजन हुआ. कार्यक्रम की शुरुआत पाहन सोमरा मुंडा के द्वारा पूजा करने अौर अनादि प्रार्थना से हुई. इस अवसर पर समिति के संरक्षक शिवा कच्छप ने कहा कि सरहुल प्रकृति से जुड़ा पर्व है. आज प्रकृति पूजा का महत्व […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 25, 2016 1:57 AM
रांची: हेसल सरना समिति के तत्वावधान में पिस्कामोड़ स्थित सरना स्थल पर सरहुल मिलन समारोह का आयोजन हुआ. कार्यक्रम की शुरुआत पाहन सोमरा मुंडा के द्वारा पूजा करने अौर अनादि प्रार्थना से हुई. इस अवसर पर समिति के संरक्षक शिवा कच्छप ने कहा कि सरहुल प्रकृति से जुड़ा पर्व है. आज प्रकृति पूजा का महत्व इसलिए भी है कि इसके (प्रकृति) के अंधाधुंध दोहन की वजह से कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हो रही है.

उन्होंने पिस्कामोड़ स्थित सरना स्थल पर हो रहे अतिक्रमण पर भी चिंता व्यक्त की अौर कहा कि इसे बचाने के लिए सरना धर्मावलंबियों को आगे आना होगा. मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित डॉ अरुण उरांव ने कहा कि प्रकृति से छेड़छाड़ का ही नतीजा है ग्लोबल वार्मिंग. प्रकृति संरक्षण को हमें जनांदोलन का रूप देना होगा. वीरेंद्र भगत ने भी संबोधित किया.

इस अवसर पर विभिन्न मौजा से पहुंचे लोगों ने सरहुल पर आधारित गीत व नृत्यों की प्रस्तुति दी. होरा होरा रंगा लेना…, दादा तो चल चल कहेला भौजी तो लुगा मांगेला…सहित अन्य गीतों पर लोग देर शाम तक झूमते रहे. इस अवसर पर मधुकम, हेहल, पंडरा, बनहौरा, बजरा, कमड़े, झिरी, रातू सहित अन्य स्थानों से लोग एकत्र हुए.

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