सूखे के कारण स्थिति और भी विकट है. राज्यों में, खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों का जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. पीएम श्री मोदी ने लिखा है कि आगामी मानसून का अधिक से अधिक लाभ उठाने के लिए राज्यों को तुरंत कदम उठाना होगा. मानसून की बारिश के पानी को जमा कर उसका संरक्षण करना होगा. ग्राम पंचायतों को संगठित करना होगा.
सरकार द्वारा चलाये जाने वाले कार्यक्रम मनरेगा, इंटीग्रेटिड वॉटरशेड डेवलपमेंट प्रोग्राम और प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के संसाधनों में समन्वय करना होगा. प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री श्री दास से बारिश का पानी संरक्षित करने के लिए संबंधित विभागों और जिलों को आवश्यक निर्देश जारी करने को कहा है. अगले दो महीनों की मानसून पूर्व अवधि में उच्च प्राथमिकता देने और कार्ययोजना तैयार कर इस पर काम करने को कहा है.
श्री मोदी ने राज्य सरकार को जल संरक्षण के लिए पूरी सहायता देने की बात करते हुए बताया है कि देश के अन्य राज्यों में फौरी राहत के लिए उपाय किये जा रहे हैं. बावजूद इसके आनेवाले समय में जब तक उम्मीद के अनुरूप मानसून नहीं आता है, तब तक जल संरक्षण के उपायों को प्रभावी रूप से क्रियान्वित करने और बारीकी से निगरानी की जरूरत है. इस बारे में राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखा जा चुका है. पत्र में पानी जमा करने और उसे संरक्षित करने के लिए सुझाव भी दिये गये थे. जल संरक्षण के लिए दिये गये सुझावों में ज्यादातर स्थानीय स्तर पर किये जाने वाले उपाय ही हैं.