गलती: अधिनियम में अल्पसंख्यक शब्द छूटा, जेपीएससी ने शिक्षकों की प्रोन्नति पर रोक लगायी

रांची: राज्य के अल्पसंख्यक कॉलेजों के शिक्षकों की वर्षों से प्रोन्नति सिर्फ सरकार द्वारा जारी झारखंड राज्य विवि संशोधन अधिनियम, 2015 में एक गलती के कारण रुक गयी है. सरकार द्वारा जो संशोधित अधिनियम जारी किया गया है, उसमें अल्पसंख्यक शब्द छूट गया है. अधिनियम की इसी गलती को झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 7, 2016 12:45 AM
रांची: राज्य के अल्पसंख्यक कॉलेजों के शिक्षकों की वर्षों से प्रोन्नति सिर्फ सरकार द्वारा जारी झारखंड राज्य विवि संशोधन अधिनियम, 2015 में एक गलती के कारण रुक गयी है. सरकार द्वारा जो संशोधित अधिनियम जारी किया गया है, उसमें अल्पसंख्यक शब्द छूट गया है.

अधिनियम की इसी गलती को झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) ने आधार बना कर शिक्षकों की प्रोन्नति पर रोक लगा दी है. इससे राज्य के आठ कॉलेज (संत जेवियर्स कॉलेज, मौलाना आजाद कॉलेज, गोस्सनर कॉलेज, योगदा सत्संग कॉलेज, परमवीर अलबर्ट एक्का कॉलेज चैनपुर, करीम सिटी कॉलेज जमशेदपुर व गुरुनानक कॉलेज धनबाद) के सौ शिक्षकों की प्रोन्नति रूक गयी है.

हाल ही में रांची विवि द्वारा कई शिक्षकों की प्रोन्नति की संचिका जेपीएससी को भेजी गयी, जिसे आयोग ने विवि को वापस कर दिया. अब विवि ने सरकार से पत्राचार भी किया है. अल्पसंख्यक शिक्षक संघ के नेता व रांची विवि सीनेट सदस्य डॉ आरपी गोप ने भी सरकार का ध्यान इस अोर आकृष्ट कराया है. डॉ गोप ने सरकार को भेजे पत्र में कहा है कि संबद्ध कॉलेज के केटेगरी में ही अल्पसंख्यक कॉलेज आते हैं, लेकिन आयोग इसे नहीं मान रहा है. इससे सैकड़ों शिक्षकों की प्रोन्नति रूक गयी है. जेपीएससी ने इससे पूर्व संविधान की धारा 320 के तहत प्रोन्नति प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी, जिसे राज्य सरकार ने संशोधित कर अधिनियम बनाया है.

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