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वेदांत से ही हमारी सभ्यता जीवित है
कार्यक्रम. वेदांत व आधुनिक भारत संगोष्ठी में डॉ सिंह ने कहा रांची : जैन विश्व भारती विवि राजस्थान के डॉ रामजी सिंह ने कहा कि स्वामी विवेकानंद द्वारा दिये गये कई उदाहरणों ने प्रमाणित कर दिया है कि आज वेदांत की कितनी आवश्यकता है. डॉ सिंह शनिवार को आर्यभट्ट सभागार में पीजी दर्शनशास्र विभाग व […]
कार्यक्रम. वेदांत व आधुनिक भारत संगोष्ठी में डॉ सिंह ने कहा
रांची : जैन विश्व भारती विवि राजस्थान के डॉ रामजी सिंह ने कहा कि स्वामी विवेकानंद द्वारा दिये गये कई उदाहरणों ने प्रमाणित कर दिया है कि आज वेदांत की कितनी आवश्यकता है. डॉ सिंह शनिवार को आर्यभट्ट सभागार में पीजी दर्शनशास्र विभाग व वेदांत शोध केंद्र रांची के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी के अंतिम दिन बतौर मुख्य वक्ता बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि समग्रता में ही वेदांत है, टुकड़े में नहीं. वेदांत की वजह से आज भी भारत में सभ्यता जीवित है.
वाराणसी से आये रजनीश शुक्ला ने कहा कि सकल ज्ञान राशि ही वेदांत है. सत्य को प्राप्त करने की जिज्ञासा जिसमें है, वही सत्य के संधान के लिए भीतर देखने की चेष्टा करता है. कार्यक्रम की शुरुआत में डॉ सुशील अंकन ने वेदांत शोध केंद्र के अध्यक्ष डॉ एचपी नारायण को पिछले वार्षिक अधिवेशन की मीडिया असेसमेंट रिपोर्ट सौंपी.
दूसरे सत्र में कामेश्वर सिंह संस्कृत विवि की प्रतिकुलपति डॉ नीलिमा सिन्हा नेकहा कि वेदांत व्यवहार और दर्शन दोनों की बातें करता है, इसलिए आधुनिक जगत में वेदांत अति प्रासंगिक है. अंतिम दिन शोधार्थियों द्वारा शाेध पत्र पढ़े गये. संगोष्ठी में डॉ मीरा देवी वर्मा, डॉ एचपी नारायण, डॉ राजकुमारी सिन्हा, डॉ सरस्वती मिश्रा, डॉ सुशील कुमार अंकन, डॉ विनीता कच्छप, श्वेता कुमारी, महेश्वरी कुमारी, श्रृष्टि मोदक, सोनी कुमारी, पूनम कौरयार व डॉ गीता सिंह आदि मौजूद थे.
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