रांची : झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष दिनेश उरांव ने झालको को पुनर्जीवित करने की मांग की है. मुख्यमंत्री को इससे संबधित एक पत्र लिखा है. श्री उरांव ने लिखा है कि झालको का गठन सुदूरवर्ती इलाकों में छोटी-छोटी सिंचाई सुविधा विकसित करने के लिए की गयी थी. इसका लाभ लघु व सीमांत किसानों को मिलता था.
सरकार की उदासीनता के कारण राज्य के किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. कर्मचारियों की स्थिति भी दयनीय हो गयी है. निगमकर्मियों को 18 माह से वेतन नहीं मिल रहा है. अन्य बकाये भी नहीं मिल रहे हैं. इसमें मृत, सेवानिवृत्त तथा कार्यरत कर्मियों का लीव इनकैशमेंट, ग्रेच्युटी तथा छठे पुनरीक्षित वेतन का लाभ भी शामिल है.
एक ओर सरकार रोजगार से संबंधित अनेक घोषणाएं कर रही है, दूसरी ओर एक चालू निगम को बंदी के कगार पर पहुंचा दिया है. इससे निगमकर्मियों के सामने भूखे मरने की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. जनहित, राज्यहित और निगमकर्मियों के हित में मानवीय दृष्टिकोण रखते हुए इसे पुनर्जीवित करने की जरूरत है. सरकार को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए.