आदिवासी क्षेत्रों में असंवैधानिक है त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव : प्रभाकर

रांची: पांचवी अनुसूची के क्षेत्रों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव असंवैधानिक है़ पी-पेसा की धारा चार (ओ) ने अनुसूचित क्षेत्रों में छठी अनुसूची की तर्ज पर दो स्तरीय पंचायत व्यवस्था का प्रावधान किया है़ इन मुद्दों पर आदिवासी समाज ने झारखंड उच्च न्यायालय व सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर किया है और दोनों ही मामलों में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 9, 2016 1:56 AM
रांची: पांचवी अनुसूची के क्षेत्रों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव असंवैधानिक है़ पी-पेसा की धारा चार (ओ) ने अनुसूचित क्षेत्रों में छठी अनुसूची की तर्ज पर दो स्तरीय पंचायत व्यवस्था का प्रावधान किया है़ इन मुद्दों पर आदिवासी समाज ने झारखंड उच्च न्यायालय व सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर किया है और दोनों ही मामलों में सरकार जवाब देने में असमर्थ रही है़ यह बातें आदिवासी बुद्धिजीवी मंच के प्रभाकर कुजूर ने बिरसा माइंस मॉनिटरिंग सेंटर के सेमिनार में कही़.

इसका आयोजन ‘झारखंड के पांचवी अनुसूचित क्षेत्रों में पंचायती राज चुनाव असंवैधानिक’ विषय पर गोस्सनर कंपाउंड स्थित एचआरडीसी सभागार में किया गया़.

पारंपरिक व्यवस्था को अधिसूचित कर गजट में प्रकाशित करायें : डेमका सोय ने कहा कि अनुसूचित इलाकों में त्रिस्तरीय पंचायत थोपने का नकारात्मक प्रभाव हुआ है़ बहुराष्ट्रीय कंपनियां ग्राम सभा को दरकिनार कर खनिज संसाधनों का दोहन कर रही है़ं राष्ट्रपति व राज्यपाल अनुसूचित क्षेत्रों वाले सभी नौ राज्यों की पारंपरिक व्यवस्था (ग्रामसभा व ग्राम प्रधान के नाम) को अधिसूचित कर गजट में प्रकाशित कराये़ं पी-पेसा के नाम पर त्रिस्तरीय पंचायत थोपना गलत है़ रमेश जेरई ने कहा कि देश की आदिवासी पट्टी को एक साजिश के तहत छिन्न-भिन्न किया गया है़ यहां के लोगों को संवैधानिक प्रावधानों के बावजूद पंचायत और विकास के नाम पर छला गया़ .त्रिस्तरीय पंचायत लागू कर पी-पेसा के 23 प्रावधानों से मिलने वाले लाभ को लूटा जा रहा है़.
एकजुट लड़ाई लड़नी होगी : गोपीनाथ घोष ने कहा कि पारंपरिक आदिवासी व्यवस्था ही प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा कर सकती है़ हम अलग-अलग लड़ाई नहीं लड़ सकते़ पूरे आदिवासी समाज को एकजुट होना होगा़ नेतरहाट, लातेहार, कोयलकारो, कर्णपुरा, ईचागढ़, कटकू डैम, औरंगा जलाशय परियोजना आदि के खिलाफ एकजुट लड़ाई ने ही अच्छे परिणाम दिये़ कार्यक्रम को लाल सिंह मुंडा, सोमाय किस्कू, सुरेंद्र तिर्की, अर्जुन समद, विमल सोरेन, एलिस चेरोवा, रायमुल बांडरा सहित कई वक्ताओं ने संबोधित किया़

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