पुलिसकर्मियों को अनुदान नहीं, कर्ज मिलेगा

रांची: झारखंड पुलिस सहायता एवं कल्याण कोष से अब बीमार पुलिसकर्मियों को अनुदान नहीं मिलेगा. बीमार पुलिसकर्मियों को अब इस मद से इलाज के लिए कर्ज मिलेगा. कर्ज ब्याज मुक्त होगा और सरकार से इलाज के खर्च की वापसी होने के बाद संबंधित पुलिसकर्मी को यह राशि वापस करनी होगी. पुलिस मुख्यालय ने 13 अप्रैल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 10, 2016 2:29 AM
रांची: झारखंड पुलिस सहायता एवं कल्याण कोष से अब बीमार पुलिसकर्मियों को अनुदान नहीं मिलेगा. बीमार पुलिसकर्मियों को अब इस मद से इलाज के लिए कर्ज मिलेगा. कर्ज ब्याज मुक्त होगा और सरकार से इलाज के खर्च की वापसी होने के बाद संबंधित पुलिसकर्मी को यह राशि वापस करनी होगी. पुलिस मुख्यालय ने 13 अप्रैल को हुई बैठक में यह फैसला लिया है.

पांच मई को मुख्यालय ने बैठक का ब्योरा जारी कर दिया है, जिसके मुताबिक बैठक की अध्यक्षता डीजीपी डीके पांडेय ने की थी. बैठक में एडीजी मुख्यालय अजय भटनागर, एडीजी सीआइडी अजय कुमार सिंह, आइजी स्पेशल ब्रांच तदाशा मिश्र, डीआइजी बजट प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, जैप-एक के डीएसपी बी किंडो, डीएसपी वायरलेस शशि भूषण, पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेंद्र सिंह व महामंत्री अक्षय कुमार राम उपस्थित थे. डीजीपी समेत सभी अफसरों ने इस फैसले पर हस्ताक्षर किये हैं, जबकि पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष ने हस्ताक्षर नहीं किये. महामंत्री अक्षय राम ने हस्ताक्षर तो किये हैं, लोकिन साथ में असहमति भी लिख दी है. मतलब अफसरों के इस फैसले से पुलिस एसोसिएशन के पदाधिकारी सहमत नहीं हैं. सूत्रों के मुताबिक वे चाहते हैं कि कल्याण कोष में पुलिसकर्मियों की राशि जमा होती है, इसलिए इस मद से दिये जानेवाले अनुदान को अनुदान ही रखा जाये. उल्लेखनीय है कि एक बैठक में पुलिस मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष रामाकांत उपाध्याय ने भी यही बात कही थी. जिसके बाद डीजीपी बैठक छोड़ कर चले गये थे. साफ है दोनों एसोसिएशन (करीब 59 हजार फोर्स के प्रतिनिधि) डीजीपी के निर्णय से असहमत हैं.
ज्यादा राशि मिलने पर वापस करने का हुआ था निर्णय : जानकारी के मुताबिक डीजीपी ने नवंबर 2015 में भी कल्याण कोष कमेटी की बैठक की थी. उस बैठक में यह फैसला लिया गया था कि अनुदान की राशि और सरकार से मिलने वाली चिकित्सा व्यय मद की राशि का जोड़ बीमारी में आये कुल खर्च से ज्यादा होता है, तो इस परिस्थिति में ज्यदा राशि को कल्याण कोष में जमा करना होगा.
हर माह देंगे 200 रुपये
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया है कि कल्याण कोष, शिक्षा कोष व परोपकारी कोष में प्रत्येक पुलिसकर्मी हर माह 200 रुपये अंशदान देंगे. इस तरह राज्य के करीब 59 हजार पुलिसकर्मी हर माह 1.18 करोड़ रुपये इस मद में जमा करेंगे. इस कोष का इस्तेमाल सिर्फ बीमारी के लिए नहीं, बल्कि शहीदों के परिवार को सहायता देने, उग्रवादी हिंसा व अन्य किसी अपंग कर्मियों की सहयता में भी किया जायेगा.
पैसा अपना,फिर कर्ज क्यों
डीजीपी के निर्णय से असहमति के बारे में एसोसिएशन का तर्क है कि कल्याण कोष में सभी पुलिसकर्मी इसलिए राशि जमा करते हैं कि बुरे वक्त में काम आये. रिटायरमेंट के बाद भी इस मद में जमा राशि को पुलिसकर्मी छोड़ कर जाते हैं. वर्षों से इस मद से बीमार पुलिसकर्मियों को अनुदान दिया जाता है. एसोसिएशन के पदाधिकारी सवाल उठाते हैं कि क्या खुद की जमा राशि भी अब कर्ज के रूप में लेनी पड़ेगी.

Next Article

Exit mobile version