जैक : दैनिककर्मी मामले में महाधिवक्ता की राय, नहीं मिल सकती है स्थायी जैसी सुविधा
रांची: झारखंड एकेडमिक काउंसिल के 264 दैनिक वेतनभोगी कर्मियों को स्थायी कर्मी के समान वेतनमान, डीए व अन्य सुविधाएं नहीं मिल सकती है़ं कर्मियों व जैक बोर्ड के कुछ सदस्यों की मांग पर जैक अध्यक्ष की ओर से इस मामले में महाधिवक्ता और जैक के अधिवक्ता से कानूनी सलाह मांगी गयी थी़ कानूनी सलाह में […]
रांची: झारखंड एकेडमिक काउंसिल के 264 दैनिक वेतनभोगी कर्मियों को स्थायी कर्मी के समान वेतनमान, डीए व अन्य सुविधाएं नहीं मिल सकती है़ं कर्मियों व जैक बोर्ड के कुछ सदस्यों की मांग पर जैक अध्यक्ष की ओर से इस मामले में महाधिवक्ता और जैक के अधिवक्ता से कानूनी सलाह मांगी गयी थी़ कानूनी सलाह में कहा गया है कि दैनिक वेतनभोगी कर्मी को स्थायी कर्मी को मिलनेवाली सुविधा नहीं दी जा सकती़ जैक की ओर से कर्मियों की स्थिति की जानकारी महाधिवक्ता व जैक के अधिवक्ता को दी गयी थी़ कानूनी सलाह में कहा गया है कि कर्मियों को स्थायी कर्मी के समान सुविधा देना कानून गलत होगा़ इन्हें वेतनमान, ग्रेड पे, डीए जैसी सुविधाएं नहीं दी जा सकती है़ झारखंड एकेडमिक काउंसिल में 264 दैनिक वेतनभोगी कर्मी है़ इनकी नियुक्ति में तय प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है़ .
जब तक इनकी नियुक्ति प्रक्रिया के तहत नहीं होती, इन्हें स्थायी कर्मी की सुविधा नहीं दी जा सकती़ नियुक्ति के लिए किसी तरह की परीक्षा या साक्षात्कार भी नहीं हुआ. जैक में कर्मचारियों के 352 पद स्वीकृत है़ं, जिसके विरुद्ध 86 कर्मचारी पूर्व से कार्यरत है़ं राज्य गठन के बाद से जैक में कर्मचारियों की स्थायी नियुक्ति नहीं हुई है़ कामकाज की अधिकता को देखते हुए दैनिक कर्मी की नियुक्ति की गयी थी़ जैक के पूर्व अध्यक्ष लक्ष्मी सिंह ने वर्ष 2010 में लगभग 85 दैनिक कर्मियों को हटा दिया था़ इधर, झारखंड एकेडमिक काउंसिल बोर्ड द्वारा दैनिक कर्मियों के मानदेय में 50 से 60 फीसदी तक की बढ़ोतरी की गयी है़, जबकि कर्मचारी वेतनमान समेत अन्य सुविधा देने की मांग कर रहे है़ उनका कहना है कि जब तक उनकी मांग नहीं मानी जाती, आंदोलन जारी रहेगा़.
सरकार ने बनायी है नियुक्ति नियमावली
जैक में कर्मचारियों की नियुक्ति को लेकर स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग द्वारा इस वर्ष नियुक्ति नियमावली बनायी गयी है़ नियमावली में स्थायी नियुक्ति के लिए दैनिक कर्मियों को भी परीक्षा में शामिल होने का प्रावधान किया गया है़ दैनिक कर्मियों को नियुक्ति परीक्षा में दस अंक का ग्रेस दिया जायेगा़ इस नियुक्ति परीक्षा में ग्रेस अंक का लाभ वैसे कर्मियों को ही दिया जायेगा, जिन्होंने दैनिक कर्मी के रूप में जैक में दस वर्ष तक काम किया है़ नियमावली में सहायक, स्टोनो व क्लर्क के पद पर ही स्थायी नियुक्ति का प्रावधान किया गया है़ फोर्थ ग्रेड में दैनिक पारिश्रमिक पर कर्मियों को रखा जायेगा़ इसमें भी आरक्षण रोस्टर समेत अन्य प्रावधान का पालन अनिवार्य किया गया है़.
जैक के दैनिक कर्मियों की क्या हैं मांगें
जैक में कार्यरत दैनिक कर्मियों में पूर्व में कार्यरत 47 दैनिक कर्मी के समान सभी सुविधा देने की मांग कर रहे है़ उनका कहना है कि जब उन्हें सभी सुविधा दी जा सकती है, तो बाद में कार्यरत दैनिक कर्मियों को क्यों नहीं. राज्य गठन के बाद 47 दैनिक वेतनभोगी कर्मी बिहार से झारखंड आये थे़ कर्मचारियों को 2001 से लेकर 2006 तक धीरे-धीरे सभी सुविधाएं दे दी गयी़ इन कर्मचारियों का भी स्वीकृत पद पर समंजन नहीं हुआ है़ पूर्व अध्यक्ष लक्ष्मी सिंह के कार्यकाल में दैनिक वेतनभोगी कर्मियों के मामले की निगरानी जांच की भी अनुशंसा की गयी थी़