इस मामले में यादवेंद्र सिंह चौहान सहित अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया. इसके बाद यादवेंद्र सिंह चौहान की संपत्ति की जांच शुरू हुई. एसीबी के सीनियर अधिकारियों को जब पता चला कि प्रमोद कुमार सिन्हा भी आरोपी हैं, तब उनकी भी संलिप्तता की जांच करने का निर्णय लिया गया.
केस के अनुसंधानक इंस्पेक्टर को निर्देश दिया गया कि वे प्रमोद कुमार सिन्हा की संलिप्तता की बिंदु पर साक्ष्य एकत्रित करें, ताकि मामले में आगे की कार्रवाई की जा सकें. रामगढ़ जिला में विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत निर्माण कार्य हुए थे. सभी निर्माण कार्य आइएपी, भारत माता कल्याण मंडप निर्माण, एनआरइपी और आरडब्ल्यूडी योजना के अंतर्गत हुए थे. एनआरइपी और आरडब्ल्यूडी योजना के तहत कुल 205 योजनाओं का काम हुआ.