एचइसी : जर्मनी में कई कंपनियों से मिले सीएमडी, विदेशी कंपनियां देंगी तकनीक

रांची: एचइसी अपने आधुनिकीकरण की प्रक्रिया और नयी तकनीक प्राप्त करने में गतिशील है. कई विदेशी कंपनियां एचइसी के आधुनिकीकरण में सहयोग करने को इच्छुक हैं. उक्त बातें एचइसी के सीएमडी अभिजीत घोष ने जर्मनी से लौटने के बाद कही. उन्होंने कहा कि जर्मनी में रूसी कंपनी सीनिटमैश से वार्ता हुई. कंपनी एचइसी को थर्मल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 14, 2016 12:56 AM
रांची: एचइसी अपने आधुनिकीकरण की प्रक्रिया और नयी तकनीक प्राप्त करने में गतिशील है. कई विदेशी कंपनियां एचइसी के आधुनिकीकरण में सहयोग करने को इच्छुक हैं. उक्त बातें एचइसी के सीएमडी अभिजीत घोष ने जर्मनी से लौटने के बाद कही. उन्होंने कहा कि जर्मनी में रूसी कंपनी सीनिटमैश से वार्ता हुई.

कंपनी एचइसी को थर्मल न्यूक्लियर पावर प्लांट स्थापना के लिए उपकरण, पानी जहाज के शफ्टिंग के लिए उपकरण, न्यूक्लियर प्रेशर वेसेल्स के लिए फोर्जिंग तकनीक, डिस, प्लेट, ट्यूब सीट, थर्मल पावर प्लांट के लिए कास्टिंग और फोर्जिंग तकनीक, अंदरूनी व बाहरी कास्टिंग, रोटर शॉफ्ट व पानी जहाज में प्रयोग होनेवाले स्पेशल स्टील बनाने की तकनीक देगी.

कंपनी के अधिकारी अगस्त के अंत तक एचइसी के दौरे पर आयेंगे और कार्य शुरू कर देंगे. इसके अलावा चेक गणराज्य की कंपनी टीएस प्लेजन के अधिकारियों से बातचीत हुई है. कंपनी एचइसी के छह हजार टन प्रेश मशीन का आधुनिकीकरण करेगी. इसके लिए कंपनी से इस माह के अंत तक प्रस्ताव मांगा गया. चेक गणराज्य की एक और कंपनी अल्टा, एचइसी को अंडरग्राउंड माइनिंग व रेलवे के लिए एक्सेल बनाने की तकनीक देगी. श्री घोष ने बताया कि देश में अभी एक्सेल विदेशी कंपनियों द्वारा बनायी जाती है, जिसकी वजह से हमेशा रेलवे को एक्सेल की कमी रहती है. एचइसी को तकनीक मिलने से भारी मात्रा में एक्सेल बनाने का कार्यादेश मिलेगी और देश को विदेशी मुद्रा की बचत होगी. वहीं लेकजमबर्ग की कंपनी पॉलवुड, एचइसी को कोक ओवन बैटरी की तकनीक देने के लिए सहमत हो गयी है. तकनीक मिलने से एचइसी स्टील उद्योग में प्रयोग होनेवाले कोक ओवन बैटरी का निर्माण करेगा. श्री घोष ने बताया कि एचइसी के आधुनिकीकरण में भारी उद्योग मंत्रालय का पूरा सहयोग मिल रहा है. उनके साथ भारी उद्योग सचिव गिरीश शंकर भी जर्मनी गये थे.

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