झारखंड के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में कार्यरत व सेवानिवृत्त शिक्षकेतर कर्मियों को राज्य सरकार ने सातवें वेतनमान का लाभ देने का निर्णय लिया है. उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा तैयार प्रस्ताव को वित्त विभाग से स्वीकृति मिल गयी है. इससे संबंधित प्रस्ताव को कैबिनेट की बैठक में स्वीकृति दिलाने की तैयारी की जा रही है. सातवें वेतनमान का लाभ एक जनवरी 2016 से मिलेगा, जबकि वास्तविक लाभ अधिसूचना जारी होने की तिथि से मिलेगा.
कर्मचारियों के सातवें वेतनमान में 2016 से अब तक की बकाया राशि भुगतान में किसी प्रकार के भत्ते (एचआरए आदि) को शामिल नहीं किया जा रहा है, जबकि सातवां वेतनमान राज्य कर्मियों की तरह हर कर्मचारी के बेसिक व डीए के 2.57 गुना के आधार पर तय किया जा रहा है. इससे छठे वेतनमान के आधार पर हर कर्मी को लगभग 20 से 25 प्रतिशत राशि की बढ़ोतरी का लाभ मिलेगा. इधर, कर्मचारी सेवानिवृत्ति उम्र सीमा 60 से बढ़ा कर 62 वर्ष करने की भी मांग कर रहे हैं, लेकिन राज्य सरकार ने फिलहाल इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है.
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रांची विवि, विनोबा भावे विवि, डीएसपीएमयू, नीलांबर-पीतांबर विवि, कोल्हान विवि, सिदो-कान्हू मुर्मू विवि, विनोद बिहारी महतो कोयलांचल विवि में कार्यरत लगभग सात हजार कर्मचारियों को
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1200 सेवानिवृत्त कर्मचारियों के अलावा राज्य में खोले गये नये विवि के कर्मियों को भी
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विवि व कॉलेजों के कई कर्मचारियों के पांचवें व छठे वेतनमान में आयी विसंगतियां अब तक दूर नहीं हो सकी हैं. कर्मचारी विभाग व निदेशालय के चक्कर लगा रहे हैं.
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राज्य के विश्वविद्यालयों के कर्मचारियों को अब तक नहीं मिल पाया है सातवें वेतनमान का लाभ