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रिट याचिका के फैसले से 7वीं से 10वीं JPSC की नियुक्तियां होंगी प्रभावित, हाईकोर्ट ने दिया आयोग को ये निर्देश

अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने अदालत को बताया कि जेपीएससी ने डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन भी किया था. उसके बाद साक्षात्कार में बैठाया गया. हाइकोर्ट के आदेश के बाद जब जेपीएससी ने मार्क्स स्टेटमेंट और कोटिवार कट ऑफ मार्क्स जारी किया

झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने सातवीं से 10वीं संयुक्त सिविल सेवा प्रतियोगिता परीक्षा के मामले में जाति प्रमाण पत्र को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की. इस दौरान प्रार्थी का पक्ष सुनने के बाद अदालत ने कहा कि इस रिट याचिका के अंतिम फैसले से नियुक्तियां प्रभावित होंगी. साथ ही अदालत ने झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) को शपथ पत्र के माध्यम से जवाब दायर करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी.

इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने अदालत को बताया कि जेपीएससी ने डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन भी किया था. उसके बाद साक्षात्कार में बैठाया गया. हाइकोर्ट के आदेश के बाद जब जेपीएससी ने मार्क्स स्टेटमेंट और कोटिवार कट ऑफ मार्क्स जारी किया, तब असफलता का कारण पता चला. उन्हें अपने एससी कैटेगरी के कट ऑफ मार्क्स से काफी अधिक अंक प्राप्त हुआ है. इसके बावजूद उन्हें सफल घोषित नहीं किया गया.

जेपीएससी ने उनके जाति प्रमाण पत्र को नहीं माना और सामान्य कैटेगरी में शिफ्ट कर दिया. इस कारण उनका चयन नहीं हो पाया. अधिवक्ता श्री वत्स ने कहा कि जेपीएससी ने कभी भी आपत्ति नहीं की है तथा उनके जाति प्रमाण पत्र को गलत भी नहीं बताया है. उन्होंने अदालत से अंतरिम आदेश पारित करने का आग्रह किया.

वहीं, जेपीएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल व अधिवक्ता प्रिंस कुमार ने पक्ष रखते हुए मौखिक रूप से कहा कि अभ्यर्थियों के जाति प्रमाण पत्र को विहित प्रपत्र में नहीं पाये जाने के बाद उन्हें सामान्य कैटेगरी में शिफ्ट किया गया था. उनका जाति प्रमाण पत्र झारखंड सरकार की नाैकरियों के लिए निर्धारित प्रपत्र-चार में नहीं था.

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