झारखंड में दो दिन में हाथी ने 8 लोगों को मार डाला है. ताजा मामला राजधानी रांची का है. रांची जिले के इटकी स्थित बोड़ेया और गढ़गांव में मंगलवार को 4 लोगों को मार डाला. जिन लोगों को हाथी ने मारा है, उनके नाम सुखवीर किंडो, पुनई उरांव, रदवा देवी और गोयंदा उरांव हैं. हाथी के हमले में एक महिला समेत दो लोग घायल हो गये हैं. बोड़ेया में हाथी ने सुखवीर किंडो (55) को मार डाला, तो गढ़गांव में भी पुनई उरांव (52) को. घायल गोयंदा उरांव की अस्पताल में मौत हो गयी.
बताया जा रहा है कि गढ़गांव में हाथी ने चचगुरा निवासी गोयंदा उरांव को पैरों से रौंद कर गंभीर रूप से घायल कर दिया है. उसे बेड़ो अस्पताल ले जाया गया. लेकिन, अस्पताल में उसकी मौत हो गयी. इससे एक दिन पहले यानी सोमवार को लोहरदगा जिले में हाथियों ने 4 लोगों को मार डाला था. जिले के भंडरा प्रखंड के टंगरा गांव में हुई इस घटना के बाद से आसपास के इलाके में दहशत का माहौल है.
उल्लेखनीय है कि झुंड से बिछड़े एक जंगली हाथी ने सोमवार तड़के टंगरा गांव में 3 ग्रामीणों को कुचलकर मार डाला. मृतकों की पहचान लालमन महतो (60), झालो उरांव (27, पति-जीतराम उरांव) और सकून उर्फ नेहा (18, पति-राजेश लोहरा) के रूप में हुई थी. घटना के बाद हाथी ने गांव के बगल में स्थित पतरा में डेरा डाल दिया.
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उसी दिन दोपहर करीब 3:00 बजे वहां से गुजर रहे कसपुर नवाटोली गांव निवासी गणेश उरांव (27, पिता-एतवा उरांव) को भी गुस्साये हाथी ने मार डाला. सूचना पाकर डीएफओ अरविंद कुमार, भंडरा बीडीओ रंजीत कुमार सिंह व अन्य पदाधिकारी पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे. वनकर्मियों ने हाथी की गतिविधि पर नजर रखना शुरू कर दिया. रात में हाथी जंगल में चला गया.
ग्रामीणों ने बताया कि हाथी सोमवार तड़के 5:00 बजे गांव में पहुंचा था. सुबह धुंध के कारण लोगों को नजर नहीं आ रहा था. नित्य क्रिया के लिए निकले जो भी लोग उसके सामने आये, उसे हाथी ने मार डाला. ग्रामीणों को कुचलने के क्रम में हाथी चिघाड़ रहा था. कुछ लोग जान बचाकर भाग गये. बाद में पता चला कि हाथी ने गांव के लालमन महतो, झालो उरांव और सकून को मार डाला है.
हाथी पास के ही पातर में छिपा था. पुलिस एवं वनकर्मियों ने उस ओर जाने से लोगों को रोका. इस बीच नशे में धुत गणेश उरांव हाथी के करीब चला गया. गुस्साये हाथी ने उसे पटक कर कुचल दिया. वन विभाग के कर्मी उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गये. प्राथमिक चिकित्सा के बाद उसे रिम्स रेफर करने की तैयारी चल ही रही थी कि उसने दम तोड़ दिया.
लोहरदगा में वन विभाग के कर्मी किशोर नंदकुमार ने बताया कि मृतकों के परिजनों को वन विभाग की ओर से तत्काल 25-25 हजार रुपये दिये जायेंगे. कागजी प्रक्रिया पूरी करने के बाद हर परिवार को 4-4 लाख रुपये का मुआवजा दिया जायेगा.