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झारखंड के ग्रामीण सड़कों की मरम्मत के लिए रखे रह गये 80 करोड़ रुपये, सड़कें जर्जर

राज्य के ग्रामीण सड़कों की मरम्मत के लिए रखे गये करीब 80 करोड़ रुपये का उपयोग नहीं हो पाया. इस कारण सड़कों की मरम्मत नहीं हो सकी. इसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है. अधिकांश जिलों में ग्रामीण सड़कें जर्जर हैं और इन पर गड्ढे उभर आये हैं.

मनोज लाल

Ranchi News: राज्य के ग्रामीण सड़कों की मरम्मत के लिए रखे गये करीब 80 करोड़ रुपये का उपयोग नहीं हो पाया. इस कारण सड़कों की मरम्मत नहीं हो सकी. इसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है. अधिकांश जिलों में ग्रामीण सड़कें जर्जर हैं और इन पर गड्ढे उभर आये हैं. बरसात में स्थिति और खराब हो चली है. गाड़ियां हिचकोले खाकर गांवों में आती-जाती हैं. राज्य में यह स्थिति अधिकतर स्थानों पर है. सड़कों की दुर्दशा को देखकर ग्रामीण कार्य विभाग ने इसकी मरम्मत के लिए बजट में प्रावधान किया था. इस राशि से हर प्रमंडल में सड़कों को चलने लायक बनाना था. इसके लिए प्रमंडलों से जर्जर सड़कों की सूची भी मांगी गयी थी.

प्रक्रिया करते निकल गया समय

जर्जर सड़क के निर्माण की प्रक्रिया करते समय निकल गया. फिर बरसात का मौसम भी आ गया. इंजीनियरों ने बताया कि योजनाओं को एक्सटेंशन देने की जरूरत थी. इसमें समय लगा और बाद में एक्सटेंशन मिला. मुख्य अभियंता कार्यालय से मरम्मत कार्य के लिए तेजी लाने को निर्देश दिया गया, लेकिन सारी प्रक्रिया करने में विलंब हुई. बरसात में सारी योजनाएं फंस गयी.

अब बढ़ जायेगी लागत

इंजीनियरों ने बताया कि बारिश से पहले सड़कों की मरम्मत में कम राशि लगती, लेकिन बरसात के कारण सड़कें पूरी तरह जर्जर हो गयी हैं. सिर्फ गड्ढे ही नजर आ रहे हैं. ऐसे में अब मरम्मत की लागत बढ़ जायेगी. उनका कहना है कि पहले कम लागत में काम हो जाता और लोगों को परेशानी भी नहीं झेलनी पड़ती. अब ज्यादा खराब हो जाने के कारण बनाने में अधिक पैसे लगेंगे.

जोन्हा फॉल जाना हुआ मुश्किल

अनगड़ा की जोन्हा-मेढ़ा सड़क अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रही है. इस पर साइकिल चलाना भी मुशकिल है. यह सड़क पैका और गुड़ीडीह पंचायत के एक दर्जन गांवों को सीधे जोन्हा से जोड़ती है. यह सड़क पर्यटकों को सीधे जोन्हा फॉल के झरने तक ले जाती है, लेकिन जर्जर सड़क के कारण लोग इधर से गुजरना नहीं चाहते हैं. इस 10 किमी लंबी सड़क का निर्माण वर्ष 2008-09 में पीएमजीएसवाइ के तहत हुआ था. उसके बाद से मरम्मत पर एक रुपया भी खर्च नहीं किया गया.

25 किमी घूमकर आना-जाना कर रहे

रांची-मुरी मार्ग से गेतलसूद को सीधा जोड़ने के उद्देश्य से बनी चमघटी-बीसा सड़क का पूरा हिस्सा अत्यंत जर्जर है. 2016 में यह सड़क बनी थी. सड़क अब इतनी खराब हो गयी है कि इससे होकर जाने से बढ़िया लोग 25 किमी घूमकर गेतलसूद के रास्ते गंतव्य तक जाते हैं. ग्रामीणों ने बताया कि बनने के बाद से अब तक एक बार भी सड़क की मरम्मत नहीं की गयी है.

Posted By : Rahul Guru

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