गौरतलब है कि 30 जुलाई को 150, 31 जुलाई को 150 व तीन अगस्त को 400 स्टाफ व कैदियों का टेस्ट हुआ था. जिसमें से 104 कैदी व 108 स्टाफ कुल 212 कोरोना पॉजिटिव पाये गये थे़ चूंकि जेल में ही आइसोलेशन व कोरेंटिन वार्ड बनाये गये हैं इस कारण कुछ वार्डों में क्षमता से अधिक कैदी रह रहे है़ं उनकी शिकायत है कि कोराेना का प्रकोप होने के बावजूद पौष्टिक खाना नहीं दिया जा रहा है़ कैंटीन के सामानों की ली जा रही है ज्यादा कीमत : पहले कैदियों के परिजनों द्वारा बाहर से जो भी खाने का सामान दिया जाता था, वह मार्च से कोरोना के कारण बंद है़ इस कारण कैदियों को कैंटीन पर निर्भर रहना पड़ता है़
लेकिन कैंटीन में बननेवाले सामानों की कीमत ज्यादा होने के कारण सभी कैदी कैंटीन से सामान खरीद पाने में असमर्थ हैं, क्योंकि कई कैदी के परिजन रांची के बाहर रहते हैं. साधन नहीं होने के कारण वे उन्हें पैसा पहुंचाने के लिए नहीं आ पा रहे है़ं कई कैदी तो काफी गरीब हैं. एेसे में वे जेल से मिलनेवाला खाना पर ही निर्भर है़ं
हर वार्ड में फोन लगाने की मांग : कैदियों की शिकायत है कि जेल में बने बूथ पर फोन करने के लिए लाइन लगना पड़ता है. इससे भी संक्रमण का खतरा बढ़ गया है़ इसलिए कैदियों ने हर वार्ड में फोन लगाने की मांग की है़ कैदियों ने अपनी मांगों को लेकर पिछले शुक्रवार को धरना दिया था. उस समय हर वार्ड में फोन कनेक्शन लगाने का आश्वासन दिया गया था़
Post by : Pritish Sahay