रांची-जमशेदपुर पर भारी पलामू-लातेहार के बच्चे
रांची: इंटरमीडिएट साइंस में इस वर्ष रांची, जमशेदपुर व धनबाद से बेहतर रिजल्ट पलामू, लातेहार व चतरा जिले का हुआ है. पलामू जिले के 85% बच्चे इंटर साइंस की परीक्षा में सफल हुए. वहीं लातेहार व चतरा के 77% विद्यार्थी सफल रहे़ रांची, धनबाद व जमशेदपुर का रिजल्ट इन जिलों की तुलना में काफी कम […]
रांची: इंटरमीडिएट साइंस में इस वर्ष रांची, जमशेदपुर व धनबाद से बेहतर रिजल्ट पलामू, लातेहार व चतरा जिले का हुआ है. पलामू जिले के 85% बच्चे इंटर साइंस की परीक्षा में सफल हुए. वहीं लातेहार व चतरा के 77% विद्यार्थी सफल रहे़ रांची, धनबाद व जमशेदपुर का रिजल्ट इन जिलों की तुलना में काफी कम हुआ़ रांची व जमशेदपुर का रिजल्ट इंटर साइंस के औसत रिजल्ट से भी कम हुआ़ इंटर साइंस में इस वर्ष 58.36% विद्यार्थी सफल हुए, जबकि रांची में 50% व जमशेदपुर में मात्र 38% विद्यार्थी ही पास हो सके़ धनबाद में साइंस का रिजल्ट भी औसत रिजल्ट से नीचे रहा़ धनबाद में 48% विद्यार्थी सफल हुए. रांची के विद्यार्थी टॉप टेन में जगह बनाने में जरूर सफल रहे.
जिला का ओवर ऑल रिजल्ट खराब हुआ़ रांची, जमशेदपुर, धनबाद, देवघर, चाईबासा व दुमका जिले के खराब रिजल्ट के कारण ही साइंस का रिजल्ट खराब हुआ़ रांची से परीक्षा में कुल 10457 विद्यार्थी शामिल हुए थे, जिसमें से 2006 प्रथम श्रेणी, 3099 द्वितीय श्रेणी व 153 तृतीय श्रेणी से उत्तीर्ण हुए़ वहीं पलामू से 10127 विद्यार्थी परीक्षा में शामिल हुए थे, जिसमें से 3496 प्रथम श्रेणी, 4785 द्वितीय श्रेणी तथा 363 तृतीय श्रेणी से उत्तीर्ण हुए़ .
लातेहार में एक भी सरकारी कॉलेज नहीं: लातेहार में एक भी सरकारी कॉलेज नहीं है़ पलामू में मात्र दो सरकारी काॅलेज है. रांची, जमशेदपुर व धनबाद में सबसे अधिक सरकारी कॉलेज हैं. जिन जिलों में पढ़ाई की बेहतर सुविधा है, उन्हीं जिलों का रिजल्ट खराब हुआ है़ रांची में आठ सरकारी कॉलेजों में इंटर की पढ़ाई होती है़ इन कॉलेजों में इंटर में नामांकन का कटऑफ मार्क्स भी अधिक रहता है़.
जिला रिजल्ट प्रतिशत
पलामू 85.37
लातेहार 77.25
चतरा 77.10
रांची 50.32
धनबाद 48.70
जमशेदपुर 38.28
ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे पढ़ाई के प्रति अधिक सजग
रांची व जमशेदपुर जैसे जिले का रिजल्ट कम होने के पीछे एक बड़ा कारण है कि यहां परीक्षा काफी कड़ाई से ली जाती है़ शहरी क्षेत्र होने के कारण यहां परीक्षा केंद्र तक पहुंच आसान होता है़ पर पलामू व लातेहार जैसे जिलों का रिजल्ट बेहतर होने का एक मात्र यही कारण नहीं है़ सामान्यत: यह देखा जाता है कि ग्रामीण क्षेत्र के अधिकांश बच्चे अभावग्रस्त होते हैं. उन्हें यह पता होता है कि पढ़ाई के बल पर ही वो अपना जीवन स्तर बेहतर कर सकते है़. इस कारण ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे पढ़ाई को लेकर अधिक सजग होते है़ं सरकारी स्कूल-कॉलेजों में इंटर में पढ़ाई का सिस्टम फेल है़ प्राइवेट इंटर कॉलेजों में पढ़ाई सरकारी कॉलेजों की तुलना में बेहतर होती है़ इससे भी रिजल्ट प्रभावित होता है़
आरपीपी सिंह, कुलपति कोल्हान विवि
रिजल्ट के साथ गुणवत्ता का भी रखें ख्याल
पलामू-लातेहार जैसे जिले का रिजल्ट अगर लगातार बेहतर हो रहा है, तो इसका मतलब है कि वहां के बच्चे अधिक प्रतिभावान है़ं पढ़ाई में अधिक ध्यान देते है़ं शिक्षक भी बच्चों को मन लगाकर पढ़ाते है. पर रिजल्ट के साथ-साथ गुणवत्ता का भी ख्याल रखा जाना चाहिए़ इन जिलों में सरकार और अधिक कॉलेज व पढ़ाई की सुविधा बच्चों को देनी चाहिए, जिससे की बच्चे और बेहतर कर सकें. जहां के बच्चे बेहतर नहीं कर पा रहे हैं, वहां विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है़ जिन िजलों का रिजल्ट खराब हुआ है, उसके कारण की समीक्षा होनी चािहए़ उक्त जिलों पर शिक्षा विभाग को विशेष ध्यान देने की जरूरत है, जिससे वहां के रिजल्ट में भी सुधार हो सके़ राज्य में इंटर की पढ़ाई को और बेहतर करने की जरूरत है.
लक्ष्मी सिंह, पूर्व अध्यक्ष, जैक