बिजली के नहीं रहने से आमलोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. कारोबार पूरी तरह से ठप है. लोगों की दिनचर्या प्रभावित हो गयी है. बिजली नहीं रहने के कारण अब लोगों का गुस्सा फूटने लगा है. विरोध के स्वर उठने लगे हैं. कोई केंद्र व राज्य सरकार के प्रति नाराजगी जाहिर कर रहा है, तो कहीं जिला प्रशासन व बिजली विभाग के कार्यों पर सवाल उठ रहे हैं. शहर में पिछले दो दिन से ताड़ व खजूर के पंखों की बिक्री बढ़ गयी है.
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त्राहिमाम. हजारीबाग में छठे दिन भी ब्लैकआउट की स्थिति
रांची/हजारीबाग : हजारीबाग में छठे दिन भी ब्लैक आउट की स्थिति बनी हुई है. शहरी इलाकों में बिजली आपूर्ति चालू की गयी है पर लोकल मेटेनेंस की वजह से कई बार शटडाउन लेना पड़ रहा है, जिसके चलते घंटों बिजली बाधित रहती है. हजारीबाग के ग्रामीण इलाकों में छठे दिन भी बिजली आपूर्ति ठप है. […]
रांची/हजारीबाग : हजारीबाग में छठे दिन भी ब्लैक आउट की स्थिति बनी हुई है. शहरी इलाकों में बिजली आपूर्ति चालू की गयी है पर लोकल मेटेनेंस की वजह से कई बार शटडाउन लेना पड़ रहा है, जिसके चलते घंटों बिजली बाधित रहती है. हजारीबाग के ग्रामीण इलाकों में छठे दिन भी बिजली आपूर्ति ठप है.
पेयजल संकट
शहर व गांव में जल संकट उत्पन्न हो गया है. शहर में पेयजल आपूर्ति भी प्रभावित है. वहीं डीप बोरिंग से शहर की आधी आबादी प्यास बुझाती है. बिजली नहीं रहने के कारण मोटर नहीं चलने से परेशानी बढ़ गयी है.
डीजल की बढ़ी खपत
बिजली नहीं रहने से निजी जेनरेटर संचालक घर-घर पानी का मोटर चला कर पेयजल की व्यवस्था करा रहे हैं. इसके एवज में संचालक प्रति घंटा दो से तीन सौ रुपये वसूल रहे हैं. इसमें एक टंकी पानी लोग भर रहे हैं. डीजल की खपत पिछले छह दिनों में आम दिनों की तुलना में 100 गुना बढ़ गयी है. पटवन नहीं होने से फसलें हो रही बरबाद : हजारीबाग जिले के ग्रामीण इलाकों में पिछले छह दिनों से बिजली नहीं है. इचाक, बनासो, कटकमसांडी, बड़कागांव, केरेडारी व विष्णुगढ़ में बिजली आपूर्ति बहाल नहीं हो सकी है. हालांकि इन इलाकों में टूटे हुए खंभों की जगह नये खंभे लगाये जा रहे हैं. जिसमें समय लग रहा है. प्रतिदिन 50 से 100 खंभे लगाये जा रहे हैं. बताया गया कि पूरे हजारीबाग जिले में आपूर्ति सामान्य करने में अभी छह दिन और लगेंगे.
क्या कहते हैं अधिकारी
हजारीबाग में सबसे ज्यादा क्षति : पुरवार
झारखंड बिजली वितरण निगम के एमडी राहुल पुरवार ने कहा कि झारखंड में बिजली नेटवर्क को आजतक इतनी क्षति नहीं हुई, जितनी हजारीबाग में हुई है. एक ही दिन में 1300 पोल टूट गये. कई ट्रांसफारमर जल गये. पर अधिकारियों ने कड़ी मेहनत कर हजारीबाग शहर में 90 फीसदी इलाकों में बिजली बहाल कर दी है. खंभा लगाने का काम चल रहा है. फीडरों से आपूर्ति की जा रही है.
शहर में शतप्रतिशत बिजली : जीएम
हजारीबाग एरिया बोर्ड के जीएम रमेश ठाकुर ने बताया कि गुरुवार को हजारीबाग शहरी क्षेत्र में शतप्रतिशत बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गयी है. ग्रामीण इलाकों में अभी बिजली बहाल नहीं हो सकी है. खंभा लगाने का काम चल रहा है.पदाधिकारी व कर्मचारी 24 घंटे काम कर रहे हैं. स्टॉक में सात हजार खंभे हैं. तार की भी कमी नहीं है. पहली बार शहर में बिजली को लेकर ऐसी आपदा आयी है. जिसे चुनौती के रूप में लिया गया है. जल्द ही आपूर्ति सामान्य कर दी जायेगी.
छह दिन में करोड़ों रुपये का हो चुका है नुकसान
21 मई से 26 मई तक बिजली आपूर्ति ठप रहने से करोड़ों का नुकसान हुआ है. बैंक, डाकघर, एटीएम मशीन व एलआइसी कार्यालय समेत अन्य कार्यालयों का कामकाज प्रभावित हुआ है. बाजार में रौनक नही है. दुकानें खाली है. बिजली संचालित उद्योग धंधे लगभग ठप हैं. स्थिति यह है कि शहर की कई दुकानों के शटर गिरे हुए हैं. इलेक्ट्रॉनिक्स दुकान में भी कारोबार ठप है. कल-कारखानों में काम नहीं हो रहा है. आंधी-तूफान से बिजली विभाग का पोल व तार टूटने व गिरने से एक करोड़ से अधिक का नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है. 1300 खंभे टूट गये हैं. 20 से अधिक ट्रांसफारमर जल गये. बीएसएनएल का नेटवर्क लगातार फेल रहने से भी लाखों का नुकसान हुआ है. यहां तक की कृषि प्रभावित क्षेत्र में पांच हजार हेक्टेयर से ज्यादा भूमि में पटवन नहीं हो पायी. इससे फसल बरबाद होने लगे हैं.
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