पुलिस जीप पर हमला, दो को छुड़ाया
रांची/पिपरवार. लकड़ी तस्करी के आरोप में गिरफ्तार दो आरोपियों को चतरा जेल लेकर जा रहे पुलिस वाहन पर ग्रामीणों ने धावा बोल कर आरोपियों को छुड़ा लिया. कल्याणपुर चौक के समीप पुलिस को ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा. आरोपियों को छुड़ाने के लिए ग्रामीणों ने एकजुट होकर मार्ग को जाम कर दिया था. […]
रांची/पिपरवार. लकड़ी तस्करी के आरोप में गिरफ्तार दो आरोपियों को चतरा जेल लेकर जा रहे पुलिस वाहन पर ग्रामीणों ने धावा बोल कर आरोपियों को छुड़ा लिया.
कल्याणपुर चौक के समीप पुलिस को ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा. आरोपियों को छुड़ाने के लिए ग्रामीणों ने एकजुट होकर मार्ग को जाम कर दिया था. ग्रामीणों व पुलिस के बीच हल्की झड़प व धक्का-मुक्की भी हुई. ग्रामीण आरोपियों को किसी भी सूरत में जेल भेजने से रोकने को आमादा थे. इसके बाद पुलिस के खिलाफ काफी संख्या में ग्रामीण सत्याग्रह पर बैठ गये, जिनके साथ दोनों कैदी भी शामिल थे. इसके बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गयी और चतरा एएसपी एचपी जनार्दन मौके पर पहुंचे.
जनार्दन के निर्देश पर टंडवा थाना प्रभारी भी सदलबल पहुंच गये. पुलिस द्वारा ग्रामीणों को समझाने का काफी प्रयास किय गया, पर वे मानने को तैयार नहीं थे. अंत में पुलिस ने ग्रामीणों को बल प्रयोग की चेतावनी दे डाली. मामले को एएसपी ने संभाला. उन्होंने ग्रामीणों को शांत किया. एएसपी ने आश्वासन दिया कि पुलिस उनके साथ सहानुभूति रखती है. एक सप्ताह में सुपरविजन रिपोर्ट भेजने के आश्वासन के बाद ग्रामीण शांत हुए व कैदियों को पुलिस के हवाले कर दिया. जिन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच न्यायिक हिरासत में चतरा जेल भेज दिया गया. मौके पर पिपरवार थाना प्रभारी गौरी शंकर तिवारी, टंडवा प्रभारी आरबी सिंह, अनि सुशील इंदवार, पीटर किंडो, सअनि पीके मिश्रा, बोधि रजक के अलाव आइआरबी के जवान बड़ी संख्या में मौजूद थे.
क्या है मामला
पिपरवार पुलिस ने 22 पीस सखुवा लकड़ी के साथ बुधवार को कल्याणपुर चौक के समीप से ट्रैक्टर चालक अनिल उरांव (पिता जिदलाल उरांव) व लकड़ी मालिक लखी भगत (पिता स्व दुर्गा भगत) को गिरफ्तार किया था. उनके खिलाफ पिपरवार थाना में भारतीय वन अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है. दोनों आरोपी कल्याणपुर के निवासी हैं. दोनों आरोपियों को पिपरवार पुलिस न्यायिक हिरासत में चतरा जेल पहुंचाने जा रही थी. इसी क्रम में कल्याणपुर चौक के समीप टानाभगत समुदाय के ग्रामीणों ने इसका विरोध करते हुए रोड जाम कर दिया. पुलिस जीप के पहंचते ही हमला कर कैदियों को छुड़ा लिया गया.