जमीन विवाद में 15 साल में 1500 लोगों की हत्या

रांची: झारखंड बनने के बाद जमीन अौर संपत्ति से जुड़े अपराध बढ़े हैं. पुलिस के आंकड़े कहते हैं कि राज्य बनने के बाद से जमीन विवाद में अभी तक यानी 15 साल में 1500 से अधिक लोगों की हत्या कर दी गयी है. पुलिस के पास उपलब्ध आंकड़े के अनुसार 2001 से 2014 के बीच […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 28, 2016 7:32 AM
रांची: झारखंड बनने के बाद जमीन अौर संपत्ति से जुड़े अपराध बढ़े हैं. पुलिस के आंकड़े कहते हैं कि राज्य बनने के बाद से जमीन विवाद में अभी तक यानी 15 साल में 1500 से अधिक लोगों की हत्या कर दी गयी है. पुलिस के पास उपलब्ध आंकड़े के अनुसार 2001 से 2014 के बीच संपत्ति विवाद में 3108 लोगों की हत्या हुई. पुलिस के सीनियर अफसर बताते हैं कि संपत्ति विवाद में होनेवाली कुल हत्याओं में आधे से अधिक जमीन विवाद के कारण होती है.

इसमें जमीन कारोबारी, जमीन की दलाली करनेवाले, खरीदार और बिक्री करनेवालों के अलावा जमीन को लेकर परिवार के सदस्यों द्वारा की गयी हत्याएं भी शामिल हैं. हालांकि अभी तक पुलिस के पास जमीन विवाद में हुई हत्याआें का जिलावार आंकड़ा उपलब्ध नहीं है, पर पुलिस अफसर मानते हैं कि सबसे ज्यादा हत्या रांची जिले में हाेती रही है. इसके बाद जमशेदपुर आैर धनबाद का स्थान आता है.

जमीन विवाद काे लेकर सबसे बड़ा कांड लिट्टीपाड़ा में हुआ था. 24 जुलाई 2015 की घटना है. पाकुड़ जिले के लिट्टीपाड़ा थाना क्षेत्र के हाथीगढ़ इलाके में 118 बीघा जमीन को लेकर आदिवासी परिवारों के बीच हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें आठ लोगों की मौत हो गयी थी. लगभग दो दर्जन लोग घायल हो गये थे. यह आराेप लगता रहा है कि जमीन के अवैध काराेबार में जमीन माफिया, दलाल, अंचल के अफसर अाैर पुलिस का गंठजाेड़ काम करता है. पुलिस पर भी अंगुली उठती रही है. कई बार मुख्यमंत्री ने भी जमीन विवाद को लेकर हो रहे अपराध को रोकने के लिए आदेश दिया. लेकिन हत्याएं कम नहीं हाे रही हैं. पुलिस मुख्यालय के प्रवक्ता आइजी एमएस भाटिया कहते हैं, जमीन विवाद को लेकर हुई हत्याआें का जिलावार आंकड़ा उपलब्ध नहीं है, पर सबसे अधिक घटनाएं रांची में होती हैं. इसके बाद जमशेदपुर, धनबाद व देवघर जैसे शहरों का स्थान आता है. जिन शहराें में जमीन की ज्यादा मांग है, वहां पर जमीन माफिया भूखंड पर कब्जा करने को लेकर हत्या जैसी घटनाओं को अंजाम देते हैं. इसे रोकने के लिए पुलिस के अलावा कई स्तर पर कार्रवाई की जा रही है. जमीन कारोबार से जुड़े लोगों की सूची बना कर उन पर नजर रखी जाती है. जरूरत पड़ने पर पुलिस कार्रवाई भी करती है.
पुलिस के अफसर भी जमीन कारोबार में शामिल : कई बार पुलिस के अफसर भी जमीन कारोबारी की मदद में खड़े हो जाते हैं. पुलिस के पास जमीन पर चल रहे काम पर रोक लगाने और धारा 144 लगा कर इसकी जानकारी एसडीओ कोर्ट को देने का अधिकार है. कई पुलिस अधिकारी इसका फायदा उठाते हैं. पैसे लेकर मजबूत व्यक्ति के पक्ष में काम करते हैं. कभी 144 लगाने की कार्रवाई तुरंत कर देते हैं, तो कई बार इसके लिए कई दिन लगा देते हैं. इस दौरान जमीन पर कब्जा हो जाता है. फिर 144 लगाने का फायदा दबंगों को मिल जाता है. करीब चार साल पहले ऐसे संदिग्ध पुलिस पदाधिकारियों की सूची भी तैयार की गयी थी. जांच का आदेश भी हुआ. सीआइडी को जांच का जिम्मा दिया गया था. लेकिन जांच आज तक नहीं पूरी की गयी.
केस स्टडी-एक
118 बीघा जमीन के विवाद में गयी आठ की जान
पाकुड़ के लिट्टीपाड़ा थाना क्षेत्र के हाथीगढ़ गांव में आदिवासी समुदाय के दो गांव के लोगों के बीच 118 बीघा जमीन को लेकर कई सालों से विवाद था. हाथीदह के कारु किस्कू और ताला टोले के भीम मरांडी जमीन पर अपना-अपना दावा कर रहे थे. 24 जुलाई 2015 को कारु किस्कू व उनके लोग विवादित जमीन पर धान रोप रहे थे, तभी ताला टोला के भीम मरांडी समर्थक वहां पहुंच गये. दोनों गांव के लोगों के बीच हिंसक झड़प हो गयी. एक गांव के कारु किस्कू, हरिदास हांसदा, दूसरे गांव के बर्मन मरांडी, सुफल मरांडी, ठाकुर मरांडी व उनकी पत्नी और शिव मरांडी की मौत घटनास्थल पर ही हो गयी और आधा दर्जन से अधिक लोग जख्मी हो गये.
केस स्टडी-दो
छह एकड़ जमीन को लेकर हत्या
रांची के पिस्का मोड़ के समीप आइसक्रीम फैक्टरी के निकट रहनेवाले रामधार शाय ने जमीन विवाद में अपने मामा कोतवाल बिहारी सिंह (85) की हत्या छह सितंबर 2015 को कर दी थी़ रामधार शाय ने पहले कोतवाल सिंह का अपहरण किया, फिर धारदार हथियार से उनकी हत्या कर शव को 10 टुकड़ों में काट दिया था. साक्ष्य छिपाने के लिए अलग-अलग टुकड़ों को अलग-अलग जगह पर फेंक दिया था. पुलिस ने कोतवाल सिंह के सिर को नगड़ी के एक डैम के पास से, धड़ को अलग एक खेत से और हाथ -पैर के टुकड़ों को पिस्का मोड़ स्थित रामधार शाय के घर के पीछे से बरामद किया था. कोतवाल सिंह मूल रूप से रामगढ़ के चितरपुर के रहनेवाले थे. रामधार शाय ने कचहरी के पास से पहले उनका अपहरण किया. फिर नशा खिलाने के बाद उनकी हत्या कर दी.
पिछले पांच साल में हुई हत्याएं
रांची
19 फरवरी 2016: चुटिया में जमीन कारोबारी नरेश की हत्या
12 सितंबर 2015: तुपुदाना में मनोहर और राजेंद्र राम की हत्या़
06 सितंबर 2015: सिविल कोर्ट परिसर से अपहरण कर कोतवाल बिहारी सिंह की हत्या.
24 जून 2015: चुटिया थाना क्षेत्र में जमीन कारोबारी संजीव उर्फ बिल्लू की गोली मार कर हत्या
23 जून 2015: नगड़ी थाना क्षेत्र में जमीन कारोबारी सिलवेस्टर की गोली मार कर हत्या.
18 जून 2015 : तुपुदाना में जमीन कारोबारी लाल अशोक नाथ शाहदेव की गोली मार कर हत्या.
30 मई 2015: तुपुदाना में जवाकिम तिडू की गोली मार कर हत्या.
10 अगस्त 2014: जगन्नाथुर में पूर्व पार्षद मांगा पाहन को गोली मारी.
अप्रैल 2014: जगन्नाथपुर की मौसीबाड़ी के समीप राजू कच्छप की हत्या.
अप्रैल 2014: चांदनी चौक के समीप बबलू सिंह की हत्या.
नवंबर 2013: हटिया के चांदनी चौक के समीप आदित्य साहू की हत्या.
04 जनवरी 2012: पिठोरिया में जमीन कारोबारी अपराधी जावेद बंबइया की हत्या.
29 फरवरी 2012: सोनाहातू में लोबिन महतो उर्फ लोको महतो की हत्या.
11 दिसंबर 2011: चुटिया में जमीन कारोबारी पवन ठाकुर की हत्या.
19 अक्तूबर 2011: धुर्वा में जमीन कारोबारी बुधराम महली की हत्या.
गिरिडीह
मई 2011 : बेंगाबाद थाना क्षेत्र के बेलाटांड़ में गोविंद महतो नामक व्यक्ति की हत्या.
05 सितंबर 2011 : ताराटांड़ थाना क्षेत्र के नावाटांड़ में मो मंसूर अंसारी नामक व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या.
05 जनवरी 2012 : बगोदर थाना के अडवारा में भतीजे ने अपने चाचा मंगरा मुरमू की हत्या कर दी.
16 फरवरी 2012 : तिसरी के बढ़नियाटांड़ गांव में मामा और भांजा के बीच मारपीट़ घटना में भांजा मोहन हेंब्रम की मौत हो गयी थी.
10 अक्तूबर 2012 : मुफस्सिल थाना क्षेत्र के मानिकबाद में भतीजा ने अपनी चाची सोखा देवी की हत्या कर दी.
वर्ष 2014 : मुफस्सिल थाना इलाके के मिर्जाडीह में दो पक्षों के बीच झड़प, दोनों पक्ष से एक-एक व्यक्ति की मौत.
बोकारो
11 फरवरी 2012 : बोकारो के सेक्टर-12 थाना क्षेत्र के भारत एकता को-ऑपरेटिव, प्लॉट संख्या 236 निवासी युवक अमित मांझी की हत्या.
जमशेदपुर
04 जून 2015 : कोवाली में प्रधान महाली की तेज हथियार से हत्या.
0 1 जुलाई 2015 : पटमदा के पोकलाबेड़ा गांव में शर्मिला बास्की की हत्या.
20 अगस्त 2015 : आजादनगर रोड नंबर 12 में आमाना खातून की गोली मार कर भतीजा ने की हत्या.
22 अगस्त 2015 : भुंइयाडीह कल्याणनगर में चाय दुकानदार अर्जुन साव की हत्या.
10 अक्तूबर 2015 : एमजीएम सुखना बस्ती में भाजपा मंडल अध्यक्ष राजेश सिंह के छोटे भाई राकेश सिंह की पीट-पीट कर हत्या.
19 जनवरी 2014 : करनडीह चौक पर झामुमो नेता लखाई हांसदा की बम मार कर हत्या.
17 अप्रैल 2014 : बोड़ाम में कुंज बिहारी महतो की कृष्णा पदो ने की हत्या.
20 अप्रैल 2013 : बोड़ाम के मिरजाडीह में दुकानदार चितरंजन घोष की हत्या
15 मई 2011 : बागबेड़ा के बेडाढ़ीपा में गणेश मार्डी की हत्या.
देवघर
11 नवंबर 2015 : देवघर थाना के बसमता गांव में किसुन प्रसाद यादव की हत्या.
10 सितंबर 2015 : सारवां थाना के काशीटांड़ गांव में नुनदेव महतो की हत्या.
31 अगस्त 2015 : सारठ थाना के दलहाटिल्हा गांव में द्वारिका वर्मा उर्फ कोदो वर्मा की हत्या.
02 जुलाई 2015 : कुंडा थाना के ठाढ़ीदुल्लमपुर गांव में राजेश दास की हत्या.
10 जुलाई 2015 : सारठ थाना के संमलापुर गांव में सुनीता मुरमू (पारा शिक्षिका) की हत्या.
27 जुलाई 2015 : मधुपुर के खलासी मुहल्ले में आफताब आलम की सगे भाइयों ने की हत्या.
10 मई 2015 : मोहनपुर थाना के खिजुरिया गांव में लखन दास की हत्या.
21 मई 2015 : कुंडा थाना के छीट करनीबाद गांव में बदली देवी की हत्या.
26 जुलाई 2016 : जसीडीह थाने के शंकरी गांव में दिवाकर झा (रिटायर्ड फौजी) की हत्या.
दुमका
04 जुलाई 2007 : दुधानी के पास ही सिद्धनाथ चौधरी की हत्या.
09 अप्रैल 2011 : देवघर के रहनेवाले बबलू सिंह की दुधानी में हत्या.
11 जुलाई 2015 : रानीश्वर प्रखंड के रेशमा गांव में रिश्तेदारों ने दो सगे भाई की पीट-पीटकर हत्या कर दी.
साहिबगंज
वर्ष 2012 : रामपुर के टीलर टोला में मित्तन मियां की हत्या.
पाकुड़
24 जुलाई 2015 : पाकुड़ के लिट्टीपाड़ा थाना क्षेत्र के हाथीगढ़ इलाके में आदिवासी परिवारों के बीच 118 बीघा जमीन को लेकर चल रहे विवाद में एक ही दिन आठ लोगों की हत्या.
गोड्डा
18 दिसंबर 2015 : गोड्डा के भैरवचक गांव में जमीनी विवाद में एक व्‍यक्ति की गंडासे से काट कर हत्या.
29 जनवरी 2014 : नगर थाना क्षेत्र के पकड़िया गांव में जमीन विवाद में 12 वर्षीय धीरज कुमार की गोली मार कर हत्या.

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