आज खत्म होगा आयोग का कार्यकाल

रांची: झारखंड वनांचल आंदोलनकारी चिह्नितीकरण आयोग का कार्यकाल 31 मई को समाप्त हो रहा है. ऐसे में झारखंड आंदोलनकारी मोरचा व अन्य संगठनों ने आयोग का कार्यकाल बढ़ाने की मांग की है. अायोग का काम झारखंड आंदोलनकारियों की पहचान करना, सम्मान देना तथा पेंशन के लिए उनके नामों की अनुशंसा करना है. फिलहाल आयोग की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 31, 2016 1:40 AM
रांची: झारखंड वनांचल आंदोलनकारी चिह्नितीकरण आयोग का कार्यकाल 31 मई को समाप्त हो रहा है. ऐसे में झारखंड आंदोलनकारी मोरचा व अन्य संगठनों ने आयोग का कार्यकाल बढ़ाने की मांग की है.

अायोग का काम झारखंड आंदोलनकारियों की पहचान करना, सम्मान देना तथा पेंशन के लिए उनके नामों की अनुशंसा करना है. फिलहाल आयोग की ओर से लगभग चार हजार आंदोलनकारियों की पहचान की गयी है. बड़ी संख्या में आवेदन अभी भी बाकी है. पिछले दिनों झारखंड पार्टी के सीएसआर माझी व अन्य लोगों ने इस बात पर चिंता प्रकट की गयी थी कि अांदोलनकारियों की पहचान का काम अभी भी अधूरा है.

उन्होंने आयोग का कार्यकाल बढ़ाने की मांग की थी. झारखंड आंदोलनकारी मोरचा के मुमताज खान ने कहा है कि आयोग के पास विभिन्न जिलों से हजारों की संख्या में आंदोलनकारियों की पहचान से संबंधित आवेदन नोडल पदाधिकारियों के द्वारा भेजे गये हैं.

अभी तक लगभग 20 हजार आंदोलनकारियों के आवेदनों की जांच हुई है अौर उनमें से लगभग चार हजार आंदोनकारियों की पहचान की गयी है. अगर आयोग का कार्यकाल नहीं बढ़ाया गया, तो उन आंदोलनकारियों की उम्मीदों को धक्का लगेगा, जिन्होंने झारखंड आंदोलन में हिस्सा लिया था अौर जो सम्मान अौर पेंशन की उम्मीद कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री से वार्ता के लिए समय मांगा गया है़ हालांकि अभी तक समय नहीं दिया गया है. मुमताज खान ने कहा कि फिलहाल दो हजार आंदोलनकारी हैं, जिन्हें पेंशन दी जानी है. अभी तरह सिर्फ 15-16 आंदोलनकारियों को ही एक माह की पेंशन राशि मिली है़

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