स्थानीय नीति के खिलाफ राजभवन मार्च
रांची : आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच के तत्वावधान में स्थानीय नीति में विसंगतियों को लेकर सोमवार को राजभवन मार्च किया गया. इस दौरान राज्यपाल के नाम ज्ञापन दिया गया. ज्ञापन में 12 बिंदु हैं, जिनमें सरकार द्वारा घोषित स्थानीय नीति में निहित खामियों को दर्शाया गया है. ज्ञापन में मुख्य रूप से वर्णित बिंदु हैं-सरकार […]
रांची : आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच के तत्वावधान में स्थानीय नीति में विसंगतियों को लेकर सोमवार को राजभवन मार्च किया गया. इस दौरान राज्यपाल के नाम ज्ञापन दिया गया. ज्ञापन में 12 बिंदु हैं, जिनमें सरकार द्वारा घोषित स्थानीय नीति में निहित खामियों को दर्शाया गया है. ज्ञापन में मुख्य रूप से वर्णित बिंदु हैं-सरकार ने अनुसूचित क्षेत्रों के लिए जो निर्णय लिया, उसमें राज्यपाल से परामर्श नहीं लिया, जबकि यह जरूरी है.
राज्य के पांचवीं अनुसूची वाले क्षेत्र का प्रशासन अौर नियंत्रण देश के शेष भागों से अलग तरीके से हो, पर झारखंड में इसका भी पालन नहीं किया जा रहा है. कहा गया है कि राज्य के आदिवासी अौर मूलवासियों के लिए खतियान दिखाना जरूरी है, अन्य के लिए शपथ पत्र अनिवार्य होंगे, यह मूलवासियों के साथ अन्याय है.
अन्य बिंदुअों में विसंगतियों को रेखांकित किया गया है. इस अवसर पर मंच के मुख्य संयोजक राजू महतो ने कहा कि वाहवाही के लिए उठाये गये इस कदम का खमियाजा राज्य की आदिवासी मूलवासी जनता को उठाना पड़ रहा है. राजभवन मार्च में देवीदयाल कुशवाहा, बाबू भाई विद्रोही, अनथन लकड़ा, आजम अहमद, मो हाकिम, मुस्ताक हसन, गोपाल महतो, दीपक एक्का, अोम प्रकाश महतो, नंदलाल साव सहित अन्य उपस्थित थे.