पेयजल संकट: बजबजाती नाली में बरतन डाल कर पीने का पानी भरते हैं लोग
पेयजल संकट. अखड़ा कोचा बस्ती में नाली से होकर गुजरी है सप्लाई की पाइप लाइन रांची : अखड़ा कोचा बस्ती में सप्लाई वाटर का पाइप तो बिछा दिया गया है, लेकिन उसमें कभी-कभार पानी आता है. पानी के इंतजार में लोगों को रतजगा करना पड़ता है. यहां नाली से होकर सप्लाई की पाइप लाइन गुजरी […]
पेयजल संकट. अखड़ा कोचा बस्ती में नाली से होकर गुजरी है सप्लाई की पाइप लाइन
रांची : अखड़ा कोचा बस्ती में सप्लाई वाटर का पाइप तो बिछा दिया गया है, लेकिन उसमें कभी-कभार पानी आता है. पानी के इंतजार में लोगों को रतजगा करना पड़ता है. यहां नाली से होकर सप्लाई की पाइप लाइन गुजरी है. इसमें नल नहीं लगा होने के कारण लोगों को नाली में ही बरतन डाल कर पानी भरना पड़ता है.
इस बस्ती में दो कुआं है़ इसमें से एक कुआं सूख गया है. दूसरा कुआं एक किलोमीटर दूर है, जहां से लोग पानी लाते हैं. वहीं तीन चापानल में से दो खराब है. जो चापानल सही है, उससे गंदा पानी गिरता है, जो पीने लायक नहीं है. यहां लगभग 50 घर आदिवासियों के हैं, जिसमें करीब तीन सौ लोग रहते हैं. यहां के लोग मजदूरी आदि कर जीवन यापन कर रहे हैं.
पानी के अभाव में लोग एक ही कपड़ा हफ्ता भर पहने रहते हैं
300 लोगों पर एक शौचालय : यहां तीन सौ लोगों की आबादी पर मात्र एक शौचालय है, जो नगर निगम द्वारा बनाया गया है. इसमें सुबह से ही लंबी लाइन लगी रहती है. शौचालय दिन के 12 बजे तक ही खुला रहता है. इसके बाद इसमें ताला लगा दिया जाता है. जरूरत पड़ने पर लोग इसकी चाभी लाकर उपयोग करते हैं.
पायल/अनमोल (मास कॉम के विद्यार्थी)
बस्ती में एक माह से पानी की दिक्कत है. कनेक्शन है, लेकिन घर के अंदर पानी नहीं पहुंचता है. नाली में बरतन डाल कर पाइप से पानी भरना पड़ता है. कोई देखने वाला नहीं है. ललिता
वार्ड पार्षद हमलोगों की समस्या पर कभी ध्यान ही नहीं देते हैं. पानी के अलावा भी बस्ती में कई समस्याएं हैं. किसी तरह गुजारा चल रहा है. नाली की कभी सफाई नहीं होती. शिबुल
बस्ती में पानी की काफी दिक्कत है. पानी के लिए दूर जाना पड़ रहा है. नहाना दूभर हो गया है. इतने पैसे भी नहीं हैं कि हमलोग बोरिंग करा सकें. कोई सुनने वाला नहीं है. इस कारण काफी दिक्कत होती है़
रोशन लकड़ा
एक चापानल सही है, लेकिन उससे गंदा पानी निकलता है. इसकी शिकायत निगम से की गयी, लेकिन कुछ नहीं हुआ. पिछले माह एक-दो दिन निगम का टैंकर आया था. अब नहीं आ रहा है. सालेन