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JHARKHAND: नक्सलियों ने कई मुखिया से की मांग, अपने क्षेत्र से 10-10 बच्चे दिलाओ

गुमला: भाकपा माओवादी ने नक्सली बाल दस्ता बनाने के लिए फिर से बच्चे मांगे हैं. माओवादियों ने इस बार पंचायतों के मुखिया से बच्चाें की मांग की है. खबर है कि माओवादियों ने कुछ मुखिया से कहा है कि पंचायत चुनाव में हमने तुम्हारा सहयोग किया, इस कारण अब तुम हमारे संगठन की मदद करो. […]

गुमला: भाकपा माओवादी ने नक्सली बाल दस्ता बनाने के लिए फिर से बच्चे मांगे हैं. माओवादियों ने इस बार पंचायतों के मुखिया से बच्चाें की मांग की है. खबर है कि माओवादियों ने कुछ मुखिया से कहा है कि पंचायत चुनाव में हमने तुम्हारा सहयोग किया, इस कारण अब तुम हमारे संगठन की मदद करो. गुमला, लोहरदगा व लातेहार जिले की कई पंचायत के मुखिया से अपने-अपने क्षेत्र से 10-10 बच्चा दिलाने को कहा है. हालांकि कोई मुखिया डर से कुछ बोलने की स्थिति में नहीं है. खबर है कि बिशुनपुर प्रखंड की तीन पंचायत के मुखिया पर नक्सलियों का खासा दबाव है. नक्सली दबाव से सभी डरे हुए हैं.
ग्रामीणाें के इनकार के बाद बदला तरीका : माओवादी पहले गांवों में बैठक कर ग्रामीणों पर बच्चा देने का दबाव डालते थे. पूर्व में कई लोगों ने डर से बच्चे भी दे दिये. लेकिन बाद में ग्रामीणों ने बच्चों को देने से इनकार कर दिया. इसके बाद नक्सलियों ने वनोत्पाद के प्रयोग पर रोक लगा दी. पर ग्रामीण नहीं झुके. ग्रामीणों को एकजुट होता देख माओवादी अब स्थानीय जनप्रतिनिधि पर बच्चा दिलाने का दबाव बना रहे हैं.
डर से जंगल नहीं जा रहे बच्चे : ग्रामीणों के इनकार के बाद माओवादी उन्हें वनोत्पाद लेने जंगल में घुसने नहीं दे रहे हैं. पकरीटाड़ के समीर को जनवरी में और कुमाड़ी गांव की सुनीता को मार्च माह में नक्सली उस समय उठा कर ले गये थे, जब वे जंगल में लकड़ी चुनने गये थे. हालांकि पुलिस ने दोनों बच्चों को 29 मई को रुद्र वन ऑपरेशन के तहत मुक्त करा लिया. इस घटना से कुमाड़ी, जमटी, कटिया, करचा, निरासी के बच्चे डरे हुए हैं. वे जंगल में लकड़ी लाने नहीं जा रहे हैं.
नक्सलियों ने करचा में डेरा डाला
पुलिस ने 29 मई से तीन जून तक रुद्र वन ऑपरेशन चलाया था. इसके बाद माओवादियों ने कुमाड़ी इलाका छोड़ दिया था. सूचना है कि माओवादी फिलहाल बिशुनपुर प्रखंड के करचा गांव के समीप डेरा डाले हुए हैं. बगल में लोहरदगा जिले का बुलबुल व केराल गांव है. यही तीनों गांव अभी नक्सलियों का सेफ जोन बना हुआ है. पुलिस को भी इसकी सूचना है. पर भौगोलिक बनावट के कारण पुलिस इस इलाके में घुसने से कतरा रही है.
250 बच्चों को सुरक्षित निकाला है प्रशासन ने
बिशुनपुर प्रखंड के कुमाड़ी, जमटी, कटिया, निरासी, करचा सहित आसपास के कई गांव से प्रशासन 250 बच्चों को सुरक्षित निकाल चुका है. अभी ये बच्चे कल्याण विभाग द्वारा संचालित विभिन्न आवासीय स्कूलों में पढ़ रहे हैं. इन बच्चों को नक्सलियों ने बाल दस्ते के लिए मांगा था.
नक्सलियों की ओर से मुखियाओं से बच्चा मांगने की सूचना पुलिस को नहीं मिली है. नक्सलियों के खिलाफ रुद्र वन ऑपरेशन समाप्त हुआ है. बहुत जल्द रुद्र टू ऑपरेशन शुरू होगा.
चंदन झा, एसपी, गुमला
पहले भी मांगे थे बच्चे
28 फरवरी को नकुल यादव ने जमटी गांव में बैठक कर प्रत्येक घर से एक-एक बच्चे की मांग की थी
28 व 29 फरवरी और एक मार्च को बच्चे नहीं देने पर नकुल ने जमटी गांव को नजरबंद कर दिया था
07 मार्च को जमटी व कटिया में नक्सलियों ने फरमान जारी किया था. 250 रुपये दो, तब सूखी लकड़ी ले जाने देंगे
21 मार्च को पुलिस टीम ने जमटी गांव से 24 बच्चों को सुरक्षित निकाला था
29 मई को रुद्र ऑपरेशन के तहत कुमाड़ी से दो बच्चों को मुक्त कराया था

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