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फीस रेग्युलेशन के लिए कानून जरूरी

बैठक. शिक्षा के अधिकार पर मंथन, अशोक बोले रांची : सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अशोक अग्रवाल ने कहा कि फीस रेग्युलेशन (नियमन) का एक कानून जरूरी है ताकि विद्यालयों का व्यवसायीकरण को रोका जा सके़ वे सोमवार को सिटी पैलेस में राइट टू एजुकेशन एक्ट-2009 के विभिन्न आयामों पर आयोजित बैठक में बतौर मुख्य अतिथि […]

बैठक. शिक्षा के अधिकार पर मंथन, अशोक बोले
रांची : सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अशोक अग्रवाल ने कहा कि फीस रेग्युलेशन (नियमन) का एक कानून जरूरी है ताकि विद्यालयों का व्यवसायीकरण को रोका जा सके़ वे सोमवार को सिटी पैलेस में राइट टू एजुकेशन एक्ट-2009 के विभिन्न आयामों पर आयोजित बैठक में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे़
बैठक का आयोजन झारखंड राइट टू एजुकेशन फोरम द्वारा किया गया था. अग्रवाल ने कहा कि निजी विद्यालयों की प्रबंधन समिति में अभिभावकों की 50 प्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित होनी चाहिए़ शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) में संशोधन कर नि:शुल्क व अनिवार्य शिक्षा को माध्यमिक (वर्ग एक से आठ) से बढ़ाकर हायर सेकेंडरी तक करने का प्रयास होना चाहिए़ आरटीई को क्रियान्वित करने के लिए न्यायालय की मदद ली जा सकती है, जो इस मामले में संवेदनशील है़
झारखंड राइट टू एजुकेशन फोरम के समन्यवयक एके सिंह ने कहा कि फोरम का प्रयास है कि आरटीई पूरे झारखंड में तत्परता से लागू हो. इससे राज्य के 55 लाख गरीब बच्चों को सरकारी विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सकेगी.
सिटीजन फाउंडेशन के निदेशक गणेश रेड्डी ने कहा कि हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए संसाधन, सुविधा और समान अवसर उपलब्ध कराना महत्वपूर्ण है ताकि विकसित मानव संसाधन देश के विकास में योगदान कर सके. कार्यक्रम में झारखंड राइट टू एजुकेशन फोरम के विभिन्न जिलों के प्रतिभागियों के साथ लीड्स के कार्यकर्ता मौजूद थे़ धन्यवाद ज्ञापन महश्रि मेही कल्याण केंद्र के निदेशक सच्चिदानंद ने किया़

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