पांच मामलों में अदालत ने सुनायी सजा, अनुसंधानकर्ताओं को मिला इनाम
रांची: पांच आपराधिक मामलों में अदालत ने आरोपियों के खिलाफ सजा सुनायी. अदालत का फैसला आने के बाद डीजीपी डीके पांडेय ने सभी मामलों के अनुसंधानकर्ताओं को प्रशस्ति पत्र दिया है. साथ ही चार मामलों के अनुसंधान कर्ता एएसआइ सुभाषचंद्र यादव, एसआइ मनोज कुमार ठाकुर, सिलवानुस तिग्गा व मरियानुस टेटे को डीजीपी ने 10-10 हजार […]
रांची: पांच आपराधिक मामलों में अदालत ने आरोपियों के खिलाफ सजा सुनायी. अदालत का फैसला आने के बाद डीजीपी डीके पांडेय ने सभी मामलों के अनुसंधानकर्ताओं को प्रशस्ति पत्र दिया है. साथ ही चार मामलों के अनुसंधान कर्ता एएसआइ सुभाषचंद्र यादव, एसआइ मनोज कुमार ठाकुर, सिलवानुस तिग्गा व मरियानुस टेटे को डीजीपी ने 10-10 हजार रुपये इनाम देने की घोषणा की है. इन मामलों को बेहतर तरीके से अनुसंधान करने में सहयोग करने के लिए सीआइडी के एसपी नरेंद्र सिंह और एक मामले के अनुसंधानकर्ता डीएसपी अनिल कुमार को डीजीपी ने प्रशस्ति पत्र दिया है.
सीआइडी द्वारा जारी प्रेस बयान के मुताबिक सिमडेगा थाना कांड संख्या-89/2010 में अदालत ने दो अपराधकर्मियों को छह साल की सजा सुनायी है. इस मामले का अनुसंधान एएसआइ सुभाष चंद्र यादव कर रहे थे. पलामू के शहर थाना कांड संख्या-518/2013 में अदालत ने अपराधियों को आजीवन कारावास की सजा और पांच-पांच हजार जुर्माना की सजा दी है.
इस मामले का अनुसंधान एसआइ मनोज कुमार ठाकुर कर रहे थे. लोहरदगा थाना में दर्ज कांड संख्या-43/2007 के 11 अभियुक्तों को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनायी है. इस मामले का अनुसंधान एसआइ सिलवानुस तिग्गा कर रहे थे. चाईबासा के सदर थाना कांड संख्या-13/2013 में अदालत ने आरोपी को सात साल की सजा सुनायी है. इसके अनुसंधानक एसआइ मरियानुस टेटे थे. लोहरदाग के सेन्हा थाना में दर्ज कांड संख्या-50/2011 के आरोपी नक्सलियों को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनायी है. इसके अनुसंधान कर्ता डीएसपी अनिल कुमार थे. डीजीपी ने सीआइडी के डीएसपी महेंद्र सिंह मुंडा, एसआइ मुरारी प्रसाद सिंह व सिपाही संदीप कुमार को इन मामलों में सहयोग के लिए प्रशस्ति पत्र दिया है.