हम बिरसा के सपनों का झारखंड बनायें : लुईस मरांडी
रांची: टीअारआइ राज्य की सभी जनजातियों की संस्कृति, पर्व-त्योहार और उनकी परंपराअों को सामने लाये. विलुप्त हो रही प्रजातियों के बारे अौर जानकारी मिले. हमारे अधिकारी विभाग की योजनाअों को धरातल पर उतारें. हमें बिरसा मुंडा के सपनों का झारखंड बनाना है. ये बातें कल्याण व समाज कल्याण मंत्री लुईस मरांडी ने गुुरुवार को डॉ […]
रांची: टीअारआइ राज्य की सभी जनजातियों की संस्कृति, पर्व-त्योहार और उनकी परंपराअों को सामने लाये. विलुप्त हो रही प्रजातियों के बारे अौर जानकारी मिले. हमारे अधिकारी विभाग की योजनाअों को धरातल पर उतारें. हमें बिरसा मुंडा के सपनों का झारखंड बनाना है.
ये बातें कल्याण व समाज कल्याण मंत्री लुईस मरांडी ने गुुरुवार को डॉ रामदयाल मुंडा जनजातीय शोध संस्थान (टीअारअाइ) के संग्रहालय में कहीं. वे यहां भगवान बिरसा की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं. मंत्री ने संस्थान परिसर में अौषधिय उद्यान तथा संस्थान की नवनिर्मित वेबसाइट का लोकार्पण भी किया.
अन्वेषकों को राशि का भुगतान : अादिम जनजाति का सर्वेक्षण कर रहे पांंच क्षेत्र अन्वेषकों तथा बाहरी स्रोत से शोध कार्य के लिए चयनित मुख्य अन्वेषकों को प्रोजेक्ट की कुल राशि का 40 फीसदी एडवांस का भुगतान चेक के माध्यम से किया. इस अवसर पर आदिवासी कल्याण आयुक्त गौरी शंकर मिंज, संयुक्त सचिव हर्षमंगला, टीआरआइ की निदेशक सुचित्रा सिन्हा, जनजातीय सहकारी विकास निगम (टीसीडीसी) के सचिव अरुण मांझी सहित टीआरआइ तथा जेटीडीएस के अन्य पदाधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे.
बाहरी अन्वेषक और उनके शोध के विषय
डॉ मीरा जायसवाल : जनजातियों के स्वास्थ्य पहलुअों पर अध्ययन 3.50 लाख)
डॉ हरि उरांव : असुर जनजाति के पर्व-त्योहार व उनके वाद्य यंत्र (3.50 लाख)
डॉ शैलेंद्र प्रसाद सिन्हा : जनजातियों के उपयोग वाले अौषधिय पौधे (जड़ी-बूटी) की पहचान (3.50 लाख)
डॉ हलधर महतो : जनजातीय खेल के पहलुअों पर शोध (2.38 लाख)
डॉ साबिर हुसैन व रूबी सिन्हा : जनजातियों को पोषण पहलु पर अध्ययन (3.50 लाख)