झाविमो, कांग्रेस नहीं बचा सके साख

रांची : राज्यसभा चुनाव में झाविमो व कांग्रेस साख नहीं बचा सकी़ कांग्रेस के दिग्गज नेता राज्यसभा चुनाव में लगे थे़ केंद्रीय नेता अजय माकन भी पहुंचे़ कांग्रेस के नेता पूरी सक्रियता से लगे थे, लेकिन अपने विधायकों को समेट नहीं सके़ विधायकों ने तरह-तरह का खेल दिखाया़ पांकी विधायक देवेंद्र सिंह वोट देने नहीं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 13, 2016 1:25 AM
रांची : राज्यसभा चुनाव में झाविमो व कांग्रेस साख नहीं बचा सकी़ कांग्रेस के दिग्गज नेता राज्यसभा चुनाव में लगे थे़ केंद्रीय नेता अजय माकन भी पहुंचे़ कांग्रेस के नेता पूरी सक्रियता से लगे थे, लेकिन अपने विधायकों को समेट नहीं सके़ विधायकों ने तरह-तरह का खेल दिखाया़ पांकी विधायक देवेंद्र सिंह वोट देने नहीं आये़ उन पर कांग्रेस ने हर तरफ से डोरा डाला, लेकिन वे वोटिंग के लिए राजी नहीं हुए. पांकी उपचुनाव में झामुमो द्वारा उम्मीदवार दिये जाने से पांकी विधायक नाराज थे़ कांग्रेस नेताओं को निर्मला देवी का वोट हासिल करने में पसीना छूट गया़ निर्मला देवी ने भी कांग्रेसियों को खूब छकाया़.
इधर, झाविमो की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे है़ं चर्चा है कि झाविमो के विधायक ने क्रॉस वोटिंग की है़ विपक्षी खेमा में झामुमो-कांग्रेस का कहना है कि उनके सारे विधायकों ने दिखा कर वोट किया है़ चार विधायकों ने बिना दिखाये वोट किया है़ माले विधायक को लेकर झामुमो आश्वस्त है़
कांग्रेस में माइलेज लेने की थी होड़
प्रदेश कांग्रेस के एक कद्दावर नेता विधायक निर्मला देवी और देवेंद्र सिंह के टच में थे़ राजधानी के धुर्वा स्थित उनके मकान में दोनों विधायकों को लाया भी गया था़ यहां कांग्रेस के दूसरे नेता भी पहुंचे थे़ अजय माकन ने भी इन विधायकों से यहां बात की़ बातचीत के बाद ये विधायक वहां से कहीं जाना चाहते थे़ कांग्रेस के कुछ नेताओं ने कहा कि फिलहाल आप कहीं नहीं जाइये, ठीक नहीं होगा़ पुलिस की नजर आप पर है़ लेकिन कांग्रेस के कद्दावर नेता ने कहा कि इनको जाने दें, कोई परेशानी नहीं होगी़ दोनों विधायक वहां से निकले, उसके बाद खेल शुरू कर दिया़ दोनों ही विधायकों से फिर संपर्क करना मुश्किल हो गया़
क्राॅस वोटिंग : विपक्ष में दूरी, एक-दूसरे पर कर रहे शक
रांची. राज्यसभा चुनाव में विपक्ष के दो विधायकों ने क्राॅस वोटिंग किया. अभी तक साफ नहीं हो पाया है कि किस दल के विधायकों ने क्राॅस वोटिंग किया, जिससे विपक्षी दल के उम्मीदवार की हार हुई. विधानसभा चुनाव के बाद एक मंच पर आये विपक्षी दलों की दूरी फिर बढ़ गयी है. विपक्षी दल एक-दूसरे को शक की निगाह से देख रहे हैं. मतगणना से पहले विपक्षी दलों की एकजुटता का दंभ भरा जा रहा था. परिणाम आने के बाद सारा समीकरण बदल गया. इस घटना के बाद विपक्षी दलों में दूरी बढ़ गयी है. विपक्षी दलों की ओर से सबसे ज्यादा शक झाविमो पर किया जा रहा है. हालांकि झाविमो की ओर से इस बात को सिरे से नकार दिया गया है. झाविमो का कहना है कि उनके विधायकों ने पोलिंग एजेंट को दिखा कर वोट दिया था. कांग्रेस, झामुमो की ओर से भी यही बात कही जा रही है कि उनकी ओर से कोई क्राॅस वोटिंग नहीं हुई है. वहीं माले और मासस की ओर से भी विपक्षी दल के उम्मीदवार को वोट देने की बात कही जा रही है. विपक्षी दलों की ओर से दबी जुबान से एक-दूसरे पर ठीकरा फोड़ा जा रहा है. राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि इस घटना के बाद से आनेवाले दिनों में विपक्षी एकता पर ग्रहण लग जायेगा.

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