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एक हजार लिफ्ट इरिगेशन सिस्टम लगाने की तैयारी

रांची: मनरेगा के तहत योजना बनाअो अभियान के जरिये जल संचयन के लिए तालाब/डोभा व चेकडैम की योजनाएं ली गयी हैं. यहां जमा होने वाले पानी के अलावा नदी-नालों का प्रवाह रोक कर इसके पानी से सिंचाई की जा सकती है. लिफ्ट इरिगेशन सिस्टम (उद्वह सिंचाई योजना) से यह पानी मोटर के जरिये खींच कर […]

रांची: मनरेगा के तहत योजना बनाअो अभियान के जरिये जल संचयन के लिए तालाब/डोभा व चेकडैम की योजनाएं ली गयी हैं. यहां जमा होने वाले पानी के अलावा नदी-नालों का प्रवाह रोक कर इसके पानी से सिंचाई की जा सकती है. लिफ्ट इरिगेशन सिस्टम (उद्वह सिंचाई योजना) से यह पानी मोटर के जरिये खींच कर खेतों तक पहुंचाया जायेगा.

ग्रामीण विकास विभाग ने चालू वित्तीय वर्ष (2016-17) के दौरान राज्य भर में ऐसे एक हजार लिफ्ट इरिगेशन सिस्टम लगाने का निर्णय लिया है. एक सिस्टम पर 10 लाख रुपये खर्च होंगे. इस योजना के तहत स्वयं सहायता समूह, उपभोक्ता समूह तथा ग्राम फेडरेशन के सदस्यों को सिंचाई के लिए पंप, पाइप व अन्य उपकरणों सहित तकनीकी जानकारी उपलब्ध करा कर सिंचाई का लाभ दिलाया जायेगा. ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव एनएन सिन्हा ने यह जानकरी दी. वे सूचना भवन में पत्रकारों को अपने विभाग की उपलब्धियां बता रहे थे. सचिव ने बताया कि मनरेगा के कार्यों तथा मजदूरों के समन्वय करनेवाले गांव के पुराने मेट बदले जायेंगे. सचिव ने कहा कि ज्यादातर मेट बिचौलिये की भूमिका में आ गये हैं. इन सबको हटा कर अब हर गांव में चार मेट बनाये जायेंगे. इनमें कम से कम दो (50 फीसदी) महिलाएं होंगी. क्लसटर फैसिलिटेशन टीम (सीएफटी) वाले प्रखंडों में सभी मेट (सौ फीसदी) स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं होंगी. नये मेट में से कोई पुराने मेट के परिवार का नहीं होगा.

ठेकेदारों सहित अभियंताअों पर कार्रवाई : विभागीय अधिकारियों ने बताया कि ग्रामीण कार्य विभाग में गड़बड़ी करनेवाले कई ठेकेदारों व अभियंताअों पर कार्रवाई की गयी है. राज्य संपोषित योजना के छह संवेदकों को काली सूची में डाला गया है. वहीं चार संवेदक डिबार कर दिये गये हैं. दो के विरुद्ध प्राथमिकी भी दर्ज है. वहीं, 19 संवेदकों का निबंधन रद्द कर दिया गया है. इसके अलावा 27 अभियंताअों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही चल रही है तथा सात के विरुद्ध एफआइआर दर्ज किया गया है.

उधर, मुख्यमंत्री ग्राम सेतु योजना के तहत कार्यरत 16 संवेदक काली सूची में डाले गये हैं. 15 डिबार हुए हैं. अाठ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है. वहीं, इस योजना से जुड़े 31 अभियंताअों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू की गयी है. प्रेस कांफ्रेंस में प्रधान सचिव के अलावा ग्रामीण कार्य सचिव एमआर मीणा, मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी, विशेष सचिव परितोष उपाध्याय व बी निजलिंगप्पा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे.

ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख उपलब्धियां

मनरेगा में विलंब से भुगतान के लिए क्षतिपूर्ति नियमावली बनी.

काम की मांग पर 15 दिनों में काम न मिलने पर बेरोजगारी भत्ता के लिए बेरोजगारी भत्ता भुगतान नियमावली का गठन

प्रखंडों के सृजन/गठन के लिए मानक निर्धारित किये गये.

स्वयं सहायता समूहों को सरकारी सहायता के लिए इसके 70 फीसदी सदस्यों के बीपीएल होने संबंधी शर्त शिथिल

राज्य भर के पुराने मेट बदलने का निर्णय.

मुखिया का निर्विरोध चुनाव करनेवाली तथा खुले में शौच से मुक्त पंचायतों लिए मुख्यमंत्री पंचायत प्रोत्साहन पुरस्कार योजना की शुरुआत हुई.

चालू वित्तीय वर्ष में केंद्र सरकार के लक्ष्य सात करोड़ के विरुद्ध अब तक 2.15 करोड़ मानव दिवस का सृजन.

मनरेगा के तहत हर गांव में कम से कम एक योजना का लक्ष्य. अभी हर गांव में 2.5 से अधिक योजना का संचालन.

बीपीएल विधवाअों के लिए भीमराव आंबेडकर आवास योजना लागू

करीब 65 फीसदी मजदूरों का खाता डाकघर से बैंकों में हो रहे शिफ्ट

कुल 8657 एसएचजी को बैंक लिंकेज के लिए 43.51 करोड़ उपलब्ध कराये गये.

ग्रामीणों व एसएचजी सदस्यों को बैंक में होनेवाली परेशानी के लिए राज्य भर की 161 बैंक शाखाअों में बैंक सखी की नियुक्ति.

लंबित इंदिरा आवासों को पूरा करने के लिए जिलों को 152 करोड़ रुपये अतिरिक्त उपलब्ध कराये गये हैं.

13वें वित्त आयोग की राशि से 80 प्रखंड कार्यालयों के भवन निर्माणाधीन तथा 43 पूर्ण. शेष 183 का निर्माण अगले तीन वर्षों में.

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