आंगनबाड़ी पर्यवेक्षिका डिप्टी कलेक्टर बनी इंजीनियर बने सहायक
रांची: आंगनबाड़ी पर्यवेक्षिका सुचित्रा मिंज पांचवीं जेपीएससी परीक्षा में सफल होकर डिप्टी कलेक्टर के पद पर नियुक्त हुई हैं. लिपिक और वीएलडब्ल्यू भी डिप्टी कलेक्टर के पद पर नियुक्त हुए हैं. राज्य गठन के बाद किसी पर्यवेक्षिका, लिपिक या वीएलडब्ल्यू के डिप्टी कलेक्टर बनने की यह पहली घटना है. पांचवीं जेपीएससी के माध्यम से 15 […]
रांची: आंगनबाड़ी पर्यवेक्षिका सुचित्रा मिंज पांचवीं जेपीएससी परीक्षा में सफल होकर डिप्टी कलेक्टर के पद पर नियुक्त हुई हैं. लिपिक और वीएलडब्ल्यू भी डिप्टी कलेक्टर के पद पर नियुक्त हुए हैं. राज्य गठन के बाद किसी पर्यवेक्षिका, लिपिक या वीएलडब्ल्यू के डिप्टी कलेक्टर बनने की यह पहली घटना है. पांचवीं जेपीएससी के माध्यम से 15 इंजीनियर भी डिप्टी कलेक्टर के पद पर नियुक्त हुए हैं. राज्य में इस वर्ष 107 इंजीनियरिंग डिग्री वाले युवक इंजीनियरिंग सेवा के बदले दूसरी सेवा में नियुक्त हुए हैं. दांत के एक डाॅक्टर ने भी अपने मूल पेशे से हटकर उत्पाद दारोगा के रूप में योगदान दिया है.
राज्य सरकार के आंकड़ों के अनुसार 15 इंजीनियरों ने अपने मूल पेशे के बदले पांचवीं जेपीएससी परीक्षा में सफल होकर डिप्टी कलेक्टर के रूप में योगदान किया है. इससे पहले सचिवालय सहायक के अराजपत्रित पद पर 48 इंजीनियरों ने योगदान दिया था. जेपीएससी में सहायक के 10 पदों में से आठ पदों पर इंजीनियरों ने योगदान किया. इसी तरह उत्पाद विभाग के अधीन दारोगा के 55 पदों में से 26 इंजीनियरों ने योगदान दिया. इसके अलावा 15 इंजीनियरों ने पांचवीं जेपीएससी के माध्यम से डिप्टी कलेक्टर के रूप में योगदान किया. इस तरह 107 इंजीनियरों में से सिर्फ 15 इंजीनियरों ने राजपत्रित पदों पर योगदान किया. शेष 92 इंजीनियरों ने अराजपत्रित पदों पर योगदान किया है.
इंजीनियरों द्वारा अराजपत्रित पदों के लिए परीक्षा में शामिल होना और इन पदों पर योगदान देने की घटना को प्रशासनिक हलकों में सरकारी नौकरियों में कमी और समय पर विभिन्न सेवा संवर्ग में नियुक्ति नहीं को मुख्य कारण के रूप में देखा जा रहा है. राज्य में अांगनबाड़ी पर्यवेक्षिका के अलावे लिपिक अमित कुमार श्रीवास्तव, वीएलडब्ल्यू संजय कुमार यादव और सुनीता कुमारी ने भी डिप्टी कलेक्टर के रूप में सफलता पायी है. 10 स्कूल शिक्षक भी इस बार डिप्टी कलेक्टर बने हैं.
इंजीनियर जो डिप्टी कलेक्टर बने
सुनील दास, चंदन, विनीत कुमार, अमृता प्रियंका एक्का, अरविंद देवाशिष टोप्पो, ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव, रवि कुमार आनंद, अभय कुमार, धनंजय पाठक, कुमार एस अभिनव, प्रवण अंबष्ट, प्रवीण कुमार, पप्पू रजक, भोला शंकर महतो, राकेश रंजन उरांव.
शिक्षक जो डिप्टी कलेक्टर बने
शंकर कुमार विद्यार्थी, इंद्रलाल ओहदार, विपिन कुमार भारती, संतोष कुमार, विकास कुमार त्रिवेदी, आशुतोष कुमार ओझा, अनिल कुमार मिंज, अशोक राम, अशोक कुमार सिन्हा, एजाज हुसैन अंसारी.