झारखंड : थानेदार उमेश कच्छप मौत मामले में कई बड़े अधिकारियों पर गिरी गाज, मुआवजे का एलान
रांची / धनबाद : धनबाद के तोपचांची थाना प्रभारी इंस्पेक्टर उमेश कच्छप की संदेहास्पद परिस्थिति में मौत के बाद इंस्पेक्टर की अंतिम यात्रा में झारखंड के विधानसभा अध्यक्ष, पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा, ग्रामीण एसपी सहित सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण शामिल हुए. जानकारी के मुताबिक इंस्पेक्टर उमेश कच्छप के संदेहास्पद स्थिति मौत मामले में सीएम […]
रांची / धनबाद : धनबाद के तोपचांची थाना प्रभारी इंस्पेक्टर उमेश कच्छप की संदेहास्पद परिस्थिति में मौत के बाद इंस्पेक्टर की अंतिम यात्रा में झारखंड के विधानसभा अध्यक्ष, पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा, ग्रामीण एसपी सहित सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण शामिल हुए. जानकारी के मुताबिक इंस्पेक्टर उमेश कच्छप के संदेहास्पद स्थिति मौत मामले में सीएम ने डीएसपी नज़रुल होदा, इंस्पेक्टर संतोष रजक और डीके मिश्र को हटाने का आदेश दिया है. कैबिनेट सचिव और एडीजी सीआईडी इस पूरे मामले की जांच करेंगे. धनबाद एसएसपी को जांच से अलग रखने का आदेश दिया गया है. सरकार स्वर्गीय उमेश कच्छप की पत्नी को अनुकंपा पर नौकरी और 10 लाख का मुआवजा देगी.
शुक्रवार की है घटना
धनबाद के तोपचांची थाना प्रभारी इंस्पेक्टर उमेश कच्छप (48) का शव शुक्रवार रात थाना परिसर स्थित सरकारी आवास में रस्सी से झूलते मिला था. मामला आत्महत्या का है या हत्या का, इसकी जांच की जा रही है. उमेश कच्छप 1994 बैच के दारोगा थे. प्रोन्नति के बाद सात जून को धनबाद में योगदान दिया था. 13 जून को तोपचांची थानेदार का पदभार ग्रहण किया था. जानकारी के अनुसार, 13 जून को राजगंज में ट्रक ड्राइवर मो नजीर को गोली मारने की घटना को लेकर तनाव में थे. गोली मारने का आरोप हरिहरपुर थानेदार संतोष रजक पर है.
रांची के नगड़ी के रहने वाले थे उमेश
घटना के समय उमेश भी मौके पर मौजूद थे. उमेश रांची के कांके स्थित नगड़ी के रहनेवाले थे. उनकी पत्नी चंद्रमणी कच्छप ने बताया कि वह चार दिन से परेशान थे. पर आत्महत्या नहीं कर सकते. चंद्रमणी ने ट्रक चालक को गोली मारने व अपने पति की मौत पर धनबाद के सीनियर पुलिस अफसरों की भूमिका पर सवाल उठाया है.चंद्रमणी ने कहा कि उनके पति पर दबाव था और वह बहुत परेशान थे.
रस्सी के सहारे लटका था शव
थाने के पुलिसकर्मियों के अनुसार, शुक्रवार रात को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, उमेश कच्छप को उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र में एलआरपी पर निकलने के लिए फोन किया जा रहा था. पर वह कॉल रिसीव नहीं कर रहे थे. करीब तड़के करीब तीन बजे थाने का मुंशी सुबोध सिंह अन्य पुलिसकर्मियों के साथ उन्हें जगाने उनके आवास पर पहुंचे. दरवाजा खटखटाने के बाद भी अंदर से जब कोई जवाब नहीं मिला, तो पुलिसकर्मियों ने धक्का दिया. इससे अंदर से लगी छिटकनी खुल गयी. पुलिसकर्मियों ने पाया कि उमेश छत पर लगे हुक से रस्सी के सहारे लटके हैं. पुलिसकर्मियों ने तोपाचांची सर्किल इंस्पेक्टर धीरेंद्र मिश्र समेत अन्य पुलिस पदाधिकारियों को इसकी सूचना दी.
सूचना के बाद पहुंचे थे परिजन
सूचना मिलते ही ग्रामीण एसपी एचपी जनार्दन व डीएसपी मजरूल होदा मौके पर पहुंचे.सीओ-सह-बीडीओ मनोज कुमार महथा को बुला कर शव को फंदे से उतारा गया. घटना की सूचना रांची में मौजूद धनबाद के एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा को भी दी गयी. रांची में मौजूद उमेश के परिजनों को भी इसकी सूचना दी गयी. एसडीएम महेश कुमार संथालिया ने मौके पर पहुंच कर छानबीन की. शनिवार सुबह 9.30 बजे उमेश का बेटा, भाई और भतीजा तोपचांची पहुंचे. एसडीएम ने भतीजे से अकेले में काफी देर तक बातचीत की. उसका बयान भी दर्ज किया. ग्रामीण एसपी ने भी पूछताछ की. इसके बाद मेडिकल बोर्ड गठित कर शव का पोस्टमार्टम कराया गया.
तनाव में थे उमेश कच्छप
13 जून को राजगंज में ट्रक चालक को गोली मारे जाने के वक्त मौजूद थे, घटना से तनाव में थे उमेश 13 जून को राजगंज में ट्रक ड्राइवर मो नजीर को गोली मारे जाने की घटना को लेकर इंस्पेक्टर उमेश कच्छप तनाव में थे. गोली मारने का आरोप हरिहरपुर थानेदार संतोष रजक पर है. आरोप है कि उमेश पर बाघमारा डीएसपी मजरुल होदा व हरिहरपुर थानेदार संतोष रजक कथित रूप से इस बात का दबाव बना रहे थे कि वह पुलिस की कागजी कार्रवाई का समर्थन करें, अन्यथा वह भी फंस सकते हैं और उनकी नौकरी तक जा सकती है. घटना की सत्यता पर सीआइडी, स्पेशल ब्रांच समेत अन्य एजेंसियां सवाल उठा रही हैं. ड्राइवर दुर्गापुर के अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहा है.