ट्रक चालक को गोली मारने की घटना में अफसरों को बचाने का उमेश पर था दबाव

सवाल. तोपचांची थानेदार उमेश कच्छप की मौत के मामले में अफसरों की भूमिका संदेह के घेरे में उमेश कच्छप की पत्नी चंद्रमणी ने कहा पिछले चार दिन से परेशान थे, दो दिन खाना भी नहीं खाया था रांची : धनबाद में ट्रक चालक को गोली मारने और इंस्पेक्टर उमेश कच्छप की मौत की घटना में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 19, 2016 7:02 AM
सवाल. तोपचांची थानेदार उमेश कच्छप की मौत के मामले में अफसरों की भूमिका संदेह के घेरे में
उमेश कच्छप की पत्नी चंद्रमणी ने कहा पिछले चार दिन से परेशान थे, दो दिन खाना भी नहीं खाया था
रांची : धनबाद में ट्रक चालक को गोली मारने और इंस्पेक्टर उमेश कच्छप की मौत की घटना में पुलिस के अफसरों की भूमिका संदेह के घेरे में है. धनबाद पुलिस के अफसरों पर आरोप लग रहा है कि ट्रक चालक को गोली मारने की घटना में शामिल पुलिस पदाधिकारियों को बचाने के लिए इंस्पेक्टर उमेश कच्छप पर दबाव डाला जा रहा था. इसके लिए वह तैयार नहीं हो रहे थे. इंस्पेक्टर उमेश कच्छप का शव जिस परिस्थिति में बरामद हुआ है, उससे भी कई तरह के संदेह पैदा हो रहे हैं.
ट्रक चालक को गोली मारने की घटना में पुलिस ने जिस हथियार की बरामदगी दिखायी, एक ही घटना में पुलिस और पीड़ित की प्राथमिकी अलग-अलग थानों में दर्ज की गयी, यह कई सवाल पैदा करता है. उल्लेखनीय है कि ट्रक चालक को गोली मारने को लेकर पुलिस अफसरों के खिलाफ राजगंज थाना में प्राथमिकी दर्ज की गयी है, जबकि पुलिस ने जो प्राथमिकी दर्ज करायी है, वह तोपचांची थाना में.
विवादित रहे हैं डीएसपी होदा और संतोष रजक : ट्रक चालक को गोली मारने की घटना में जिस डीएसपी मजरुल होदा और दारोगा संतोष रजक का नाम चर्चा में है, वह पहले भी विवादित रहे हैं. इन दोनों अफसरों को सीनियर अफसर का संरक्षण भी मिलता रहा है. डीएसपी होदा जब रामगढ़ में थे, तब एक मामा से उनके संपर्क और मामा द्वारा कोयला कारोबारियों से वसूली की बात सामने आयी थी. विधायक ढ़ुल्लू महतो के खिलाफ भी मामला दर्ज करने में डीएसपी ने गलत रिपोर्ट दी थी.
तत्कालीन आइजी तदाशा मिश्रा ने डीएसपी से स्पष्टीकरण पूछने का आदेश एसपी सुरेंद्र झा को दिया था.इस मामले में भी उनके खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा नहीं की गयी. दारोगा संतोष रजक के खिलाफ भी पिछले साल अपने थाना के एएसआई की हत्या का मामला दर्ज किया गया था. संतोष रजक व थाना के एक पुलिसकर्मी ने एएसआई के साथ मारपीट की थी. एएसआई को बोकारो अस्पताल में भरती करया गया था. धनबाद पुलिस ने मारपीट की प्राथमिकी दर्ज नहीं की थी. प्राथमिकी तब दर्ज की गयी, जब एसआई की मौत हो गयी़

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