Advertisement
स्कूल चलाने के लिए अफसरों की मांगें पूरी की
आरोप . आदिवासी आवासीय विद्यालय के संचालक सह प्रधानाध्यापक ने कहा आदिवासी आवासीय विद्यालय पिस्का आेरमांझी के प्रधानाध्यापक का कहना है कि सरकार से अनुदान नहीं मिलने के कारण स्कूल की स्थिति खराब हुई है़ उन्होंने बताया कि जैक व डीइओ ऑफिस के कुछ कर्मियों के सहयोग से वे स्कूल का संचालन करते रहे बदले […]
आरोप . आदिवासी आवासीय विद्यालय के संचालक सह प्रधानाध्यापक ने कहा
आदिवासी आवासीय विद्यालय पिस्का आेरमांझी के प्रधानाध्यापक का कहना है कि सरकार से अनुदान नहीं मिलने के कारण स्कूल की स्थिति खराब हुई है़ उन्होंने बताया कि जैक व डीइओ ऑफिस के कुछ कर्मियों के सहयोग से वे स्कूल का संचालन करते रहे बदले में उन्होंने अफसरों की मांगों को पूरा किया.
रांची : आदिवासी आवासीय विद्यालय पिस्का ओरमांझी के प्रधानाध्यापक दवेंद्रनाथ ठाकुर ने कहा है कि विद्यालय को वर्ष 1984-85 में प्रोजेक्ट स्कूल के रूप में खोला गया था. सरकार द्वारा विद्यालय को कोई अनुदान नहीं दिया गया. इस कारण विद्यालय की स्थिति खराब होती चली गयी.
अनुदान नहीं मिलने के कारण सभी शिक्षकों ने धीरे-धीरे विद्यालय छोड़ दिया. विद्यालय संचालन में जैक व डीइओ ऑफिस के कुछ कर्मियों ने उनका सहयोग किया. इसके बदले वे उनकी मांगों की पूर्ति करते थे. उन्होंने कहा है कि अगर विद्यालय की इस स्थिति के बाद भी यहां से प्रतिवर्ष सैकड़ों की संख्या में विद्यार्थी परीक्षा में शामिल हो रहे थे, तो इसमें जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय रांची व जैक के अधिकारी और कर्मचारी की भी इसमें संलिप्तता थी. उन्होंने स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग की सचिव से इसकी जांच की मांग की है.
उन्होंने कहा कि अगर सरकार जैक व डीइओ कार्यालय की भूमिका की जांच कराती है, तो वे इसमें पूरा सहयोग करेंगे. वैसे लोगों के नाम भी सामने आना चाहिए, जिनका इस खेल में परदे की पीछे से संलिप्तता रही है. राज्य में कई और ऐसे विद्यालय है, जो इस तरह के लोगों के सहयोग से चल रहे हैं. जब तक उन पर कार्रवाई नहीं होगी, एक स्कूल को बंद करने से कुछ नहीं होगा. इन लोगों पर कार्रवाई होने से ही इस तरह के खेल पर रोक लगेगा.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement