रातू: रातू स्थित जगन्नाथ मंदिर में ज्येष्ठ पूर्णिमा के मौके पर भगवान जगन्नाथ स्वामी, माता सुभद्रा एवं भगवान बलराम की स्नान यात्रा का आयोजन किया गया. इसके बाद सभी स्वामी एकांतवास में चले गये. मंदिर का कपाट पांच जुलाई को नेत्रदान के उपरांत खुलेगा. इसके उपरांत भक्त के लिए भगवान सर्वसुलभ होंगे. इन दिनों मंदिर का कपाट बंद रहेगा. केवल पुजारी ही पूजा करेंगे. ऐतिहासिक रातू किला में छह जुलाई को रथयात्रा एवं 15 जुलाई को घुरती रथ का आयोजन किया जायेगा. सोमवार को मंदिर में कामदेव नाथ मिश्रा, करुणा मिश्रा ने विग्रहों को स्नान कराया व आरती पूजा कर प्रसाद का वितरण किया.
इटकी. इटकी में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा छह जुलाई को निकाली जायेगी. मौके पर मेला भी लगेगा. इसकी तैयारियां यहां सोमवार को देव स्नान अनुष्ठान के साथ शुरू हो गया. जगन्नाथ मंदिर में स्थापित भगवान जगन्नाथ, भाई बलराम व बहन सुभद्रा सहित अन्य विग्रहों व प्रतिमाओं को गर्भगृह से नीचे उतारा गया व मंत्रोच्चारण के बीच स्नान कराया गया. मंदिर के प्रबंधक लाल रामेश्वर नाथ शाहदेव व पंडित चंद्रकांत तिवारी के नेतृत्व में संपन्न देव स्नान के बाद मंदिर का पट 15 दिनों के लिए आम लोगों के दर्शनार्थ बंद कर दिया गया.
इस दौरान विग्रहों की मरम्मत व रंगाई व पुताई की जायेगी. पांच जुलाई की शाम नेत्रदान अनुष्ठान के बाद भगवान का दर्शन सर्वसुलभ होगा. मान्यता है कि देव स्नान अनुष्ठान के बाद भगवान बीमार हो जाते हैं. 15 दिनों की बीमार अवधि में भगवान शयन की स्थिति में होते हैं. देव स्नान अनुष्ठान में लाल बद्रीनाथ शाहदेव, पंडित सुंदर राम तिवारी, लाल आशीष, लाल मिठू, वंशीधर साहू, सीताराम महतो, मोहन महतो, हरि नारायण तिवारी व अन्य शामिल थे.