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प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन ने कहा आदिवासी-मूलवासी मुक्त झारखंड चाहती है भाजपा

रांची: पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन ने कहा है कि भाजपा आदिवासी-मूलवासी मुक्त झारखंड बनाना चाहती है. मुख्यमंत्री रघुवर दास उद्योगपतियों, व्यापारियों के एजेंट हैं. सरकार का लगातार दुमका दौरा संताल के विकास के लिए नहीं, बल्कि अडाणी को वहां स्थापित करने के लिए किया जा रहा है. रांची स्थित अपने आवास […]

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रांची: पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन ने कहा है कि भाजपा आदिवासी-मूलवासी मुक्त झारखंड बनाना चाहती है. मुख्यमंत्री रघुवर दास उद्योगपतियों, व्यापारियों के एजेंट हैं. सरकार का लगातार दुमका दौरा संताल के विकास के लिए नहीं, बल्कि अडाणी को वहां स्थापित करने के लिए किया जा रहा है.

रांची स्थित अपने आवास पर प्रेस कांफ्रेंस कर उन्होंने कहा : भाजपा कार्यसमिति की बैठक में झामुमो छाया रहा. डरी हुई भाजपा समझ गयी है कि झामुमो झारखंड के लोगों का है. यह आदिवासी-मूलवासी की आत्मा है. राज्य सरकार आदिवासी मूलवासी को लूटना चाहती है. विकास के मुद्दे को छोड़ कर हर मुद्दे पर चर्चा की जाती है.

सीबीआइ जांच करा मृत इंस्पेक्टर का लोन चुकायें मुख्यमंत्री : धनबाद में पदस्थापित इंस्पेक्टर उमेश कच्छप की आत्महत्या मामले को संदिग्ध और प्रायोजित बताते हुए हेमंत सोरेन ने कहा : मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री सबसे पहले एसटीएससी एक्ट के तहत एफआइआर दर्ज करायें. जांच प्रभावित करने की क्षमता रखनेवाले धनबाद एसपी का अविलंब तबादला करें. ईमानदार पुलिस पदाधिकारी की हत्या या आत्महत्या के कारणों की जांच सीबीआइ से करने की अनुशंसा करें. इंस्पेक्टर द्वारा परिवार के लिए लिये गये लोन को चुकता करें. यह सब 15 दिनों के अंदर करें, वरना झामुमो आंदोलन करेगा. उन्होंने कहा : मामले में तथ्य खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है. राज्य में आदिवासी पदाधिकारियों पर अत्याचार बरदाश्त नहीं किया जायेगा.
योग नहीं, भोग दिवस मना रही है सरकार
श्री सोरेन ने कहा : केंद्र और राज्य सरकार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के नाम असल में भोग दिवस का आयोजन कर रही है. योग उनके लिए है, जो खाने के बाद पचा नहीं पाते. रोज मेहनत-मजदूरी कर पेट पालनेवाले किसानों और मजदूरों को योग की कोई जरूरत नहीं है. उनको अनाज की जरूरत है. पानी की तलाश में कोस-कोस भर घूमनेवाली महिलाओं को पानी की जरूरत है. सरकार को उनकी मदद करनी चाहिए, पर सरकार योग के नाम पर टाइम पास करनेवालों के बारे में सोचती है. उद्योगपतियों और व्यापारियों के हितों का ध्यान रखती है. सरकार को किसानों और गरीबों की कोई चिंता नहीं है.

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