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जर्जर भवन में पढ़ रहे बच्चे, पर रिजल्ट बेहतर

रांची: राजधानी के कई सरकारी विद्यालयों में आधारभूत संरचना की कमी के बाद भी वहां पढ़ रहे बच्चों का रिजल्ट बेहतर हो रहा है. कमोबेश यही स्थिति हिनू यूनाइटेड राजकीयकृत उच्च विद्यालय की भी है. छह कमरों के जर्जर दो मंजिले भवन में सातवीं से लेकर दसवीं तक की पढ़ाई यहां हो रही है. दूसरे […]

रांची: राजधानी के कई सरकारी विद्यालयों में आधारभूत संरचना की कमी के बाद भी वहां पढ़ रहे बच्चों का रिजल्ट बेहतर हो रहा है. कमोबेश यही स्थिति हिनू यूनाइटेड राजकीयकृत उच्च विद्यालय की भी है. छह कमरों के जर्जर दो मंजिले भवन में सातवीं से लेकर दसवीं तक की पढ़ाई यहां हो रही है.

दूसरे मंजिल के अधिकतर कमरे जर्जर हैं और छत की सिलिंग भी झड़ने लगी है. इसकी वजह से विद्यालय परिसर में बने नये हॉलनुमा कमरे का इस्तेमाल क्लासरूम के लिए किया जा रहा है. यहां पर सातवीं से लेकर दसवीं तक 152 बच्चे हैं. पिछले तीन वर्षों 2016 में 72 फीसदी, 2014 में शत प्रतिशत और 2015 में विद्यालय का मैट्रिक का परीक्षाफल 88 फीसदी रहा है. यहां पढ़ रहे 95 फीसदी से अधिक बच्चों का बैंक खाता खोला जा चुका है, जिनमें छात्रवृत्ति, साइकिल, पोशाक और स्कूल किट की राशि दी जा रही है.

विज्ञान भवन, किचन, पुस्तकालय और प्रयोगशाला नहीं : 1971 में गठित विद्यालय में आज भी विज्ञान रूम, किचन, पुस्तकालय और प्रयोगशाला नहीं हैं. एक कमरे में विज्ञान, पुस्तकालय, खेल सामग्री और किचन की वस्तुएं रखी हुई हैं. अलग से किचन नहीं रहने की वजह से शिक्षकों के बैठने के कमरे का उपयोग खाना पकाने के लिए किया जाता है. विद्यालय में बिजली और पीने के पानी की सुविधा है. जर्जर भवन को ठीक करने और बाउंड्री को ऊंचा करने के लिए कई बार पत्र लिखे जाने पर भी यथोचित कार्रवाई अब तक नहीं हुई है. शौचालय की स्थिति स्कूल में बेहतर है.
प्रधानाध्यापिका हैं सस्पेंड : विद्यालय की प्रधानाध्यापिका नवंबर 2012 से निलंबित हैं. डॉ संगीता कुमारी पर मिड डे मील में अनियमितता बरतने का आरोप लगा था. इसके बाद प्रभारी प्राचार्य के रूप में संगीता कुमारी को जवाबदेही दी गयी. फिलहाल प्रभारी प्राचार्य भी चिकित्सकीय लाभ पर हैं और वरीय शिक्षिका सुषमा कुमारी प्रभार संभाल रही हैं.
तय शिक्षक से कम पर चल रहा है काम : विद्यालय में शिक्षकों के कुल स्वीकृत पद 10 हैं. प्रधानाध्यापक का एक पद अलग से सृजित है. वर्तमान में सात शिक्षक ही यहां शैक्षणिक कार्य में लगे हैं. दो आदेशपाल का पद रिक्त है. 2017 फरवरी के बाद सिर्फ पांच शिक्षक ही स्कूल में बचेंगे.

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