झारखंड कैबिनेट का फैसला, आदिम जनजाति को दो फीसदी आरक्षण

रांची : राज्य सरकार ने आदिम जनजाति के लोगों को नौकरी और शिक्षा में दो फीसदी क्षैतिज आरक्षण देने का फैसला किया है. संविधान के अनुच्छेद 16 (4) व 15 (4) के प्रावधान के तहत यह निर्णय लिया है. मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इसकी मुहर लग गयी. कैबिनेट के फैसले के अनुसार, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 22, 2016 1:00 AM
रांची : राज्य सरकार ने आदिम जनजाति के लोगों को नौकरी और शिक्षा में दो फीसदी क्षैतिज आरक्षण देने का फैसला किया है. संविधान के अनुच्छेद 16 (4) व 15 (4) के प्रावधान के तहत यह निर्णय लिया है. मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इसकी मुहर लग गयी. कैबिनेट के फैसले के अनुसार, आदिम जनजाति के लोगों के आरक्षित दो फीसदी पद वैसे अभ्यर्थियों से भरे जायेंगे, जो सफल होने के लिए न्यूनतम अंक प्राप्त करेंगे. मेधा सूची में स्वत: शामिल होने की स्थिति में आदिम जनजाति के लोगों के लिए अलग से चयन प्रक्रिया नहीं अपनायी जायेगी. आदिम जनजाति के लोगों का अनुसूचित जनजाति की मेधा सूची में स्वत: शामिल नहीं होने पर उनका चयन उनके मेरिट के हिसाब से दो प्रतिशत सीटों पर किया जायेगा.

सरकार ने 30 दिसंबर 2005 तक स्नातक व उच्चतर योग्यता प्राप्त आदिम जनजातियों को नियुक्ति की सामान्य प्रक्रिया में छूट देकर समाहरणालय स्तर पर तृतीय व चतुर्थ वर्ग के पदों पर नियुक्त करने का प्रावधान किया था.
2008 तक आठवीं कक्षा उत्तीर्ण आदिम जनजाति के युवक-युवतियों को भी सामान्य नियुक्ति प्रक्रिया में छूट देकर चतुर्थ वर्ग के पदों पर नियुक्त करने की व्यवस्था की गयी थी. लेकिन, इससे उनकी स्थिति में अपेक्षित सुधार नहीं हो पायी थी. इस वजह से सरकार ने आदिम जनजातियों के लिए दो प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था की.
जमशेदपुर के मास्टर प्लान में आसपास के क्षेत्र भी शामिल
सरकार ने जमशेदपुर के मास्टर प्लान में पूर्व से प्रस्तावित क्षेत्र के अतिरिक्त उसके सीमावर्ती क्षेत्र को भी शामिल करने का निर्णय लिया है. इसके लिए चयनित कंसलटेंट सुपिरियर ग्लोबल इंफ्रास्ट्रक्चर को अतिरिक्त काम और शुल्क दिया जायेगा. वर्ष 2020-27 तक की संभावित जनसंख्या को देखते हुए आवास और आधारभूत संरचना का सही आकलन कर खरकई व स्वर्णरेखा नदी पर चार से पांच पुल बनाने और उसके आस-पास के क्षेत्र को मास्टर प्लान में शामिल करने की जरूरत बतायी गयी है. इस काम को पूरा करने के लिए कंसलटेंट को 67 लाख रुपये अतिरिक्त परामर्शी शुल्क दिया जायेगा.
एसएससी की परीक्षा में संस्कृत भी शामिल
सरकार ने राज्य कर्मचारी चयन आयोग की ओर से आयोजित की जानेवाली मैट्रिक, इंटर और स्नातक स्तरीय परीक्षा के द्वितीय पत्र में संस्कृत को शामिल करने का फैसला किया है. जेपीएससी में यह व्यवस्था पहले से लागू है.
होल्डिंग टैक्स में संशोधन का अध्यादेश मंजूर
कैबिनेट ने विधानसभा सत्र नहीं होने की वजह से नगरपालिका संशोधन अध्यादेश को मंजूरी दे दी. इस अध्यादेश के सहारे टैक्स की गणना की पूर्व निर्धारित प्रक्रिया को सरल किया गया है. होल्डिंग टैक्स के नये नियमों के मुताबिक, आवासीय इस्तेमाल के लिए किये गये निर्माण के 70 फीसदी हिस्से पर ही टैक्स का निर्धारण किया जायेगा. वहीं, व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए किये गये निर्माण के 80 प्रतिशत हिस्से पर टैक्स देय होगा. पूर्व में किचेन, टॉयलेट, गैराज, बालकनी आदि के आंशिक क्षेत्रफल पर ही कर की गणना का नियम बनाया गया था. पर गणना में आनेवाली परेशानियों को देखते हुए नियम परिवर्तित कर कुल कारपेट क्षेत्र में छूट देकर होल्डिंग टैक्स की गणना करने का फैसला किया गया है. बहुमंजिली व्यावसायिक इमारतों के होल्डिंग टैक्स की गणना के लिए भी यही फारमूला इस्तेमाल किया जा सकेगा.
02.07.2008 को हुआ था सीधी नियुक्ति का फैसला
दो जुलाई 2008 को तत्कालीन मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने स्नातक पास आदिम जनजातियों की सीधी नियुक्ति का फैसला लिया था. बाद में इस प्रस्ताव को कैबिनेट से भी पारित कराया गया था.

Next Article

Exit mobile version