महंगा पड़ा महिला की कमर में रस्सा बांधना, SI समेत चार पुलिसकर्मी सस्पेंड

गढ़वा/रांची: गढ़वा पुलिस ने राजस्थान के अरवल से एक महिला को गिरफ्तार किया. पुलिस ने महिला के कमर में रस्सा लगाकर उसे जीप में बैठाया. अदालत में पेश किया. फिर गढ़वा लेकर आयी. इस घटना का वीडियो व तस्वीर वायरल होने के बाद पुलिस को भूल का अहसास हुआ. मामले में उपनिरीक्षक काली प्रसाद सिंह, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 23, 2016 1:11 AM
गढ़वा/रांची: गढ़वा पुलिस ने राजस्थान के अरवल से एक महिला को गिरफ्तार किया. पुलिस ने महिला के कमर में रस्सा लगाकर उसे जीप में बैठाया. अदालत में पेश किया. फिर गढ़वा लेकर आयी. इस घटना का वीडियो व तस्वीर वायरल होने के बाद पुलिस को भूल का अहसास हुआ. मामले में उपनिरीक्षक काली प्रसाद सिंह, पुलिसकर्मी सुजाता कुंवर, मधु देवी और उमाशंकर शर्मा काे संस्पेंड कर दिया गया है.
जानकारी के मुताबिक पिपराकला निवासी प्रियंका शाही ने अपने ससुराल वालों ( सिद्धार्थ राव उर्फ राहुल, ससुर दिनेश कुमार समेत 22 लोगों) के खिलाफ दहेज प्रताड़ना और धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया है. उसके ससुराल वाले यूपी के कुशीनगर के रहने वाले हैं. लेकिन कुछ लोग राजस्थान के अरवल में रहते हैं. केस दर्ज होने के बाद गढ़वा जिला की पुलिस एसआई काली प्रसाद सिंह के नेतृत्व में आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए राजस्थान गयी थी. पुलिस ने अरवल से प्रियंका की ननद अर्पणा को गिरफ्तार किया.
क्या है मामला
गढ़वा शहर के पिपराकला निवासी प्रियंका शाही की शादी दो दिसंबर 2015 को सपहा निवासी दिनेश कुमार राव के पुत्र सिद्धार्थ राव उर्फ राहुल के साथ हुई थी़ सिद्धार्थ राव इस समय राजस्थान के अलवर में नौकरी करता है़ लेकिन शादी के बाद प्रियंका जब ससुराल गयी, तो उसे पता चला कि उसका पति पहले से मिरूता शर्मा नामक एक महिला के साथ रह रहा है़ उसके पति राहुल ने उसे साफ तौर पर कहा कि उसे घर पर रहकर पिता की सेवा करनी है़
शादी के बाद वह करीब तीन महीने तक ससुराल में रही़ लेकिन उसे किसी ने न तो पत्नी और न ही बहू के रूप में स्वीकारा. जब उसने इसकी जानकारी अपने मां-पिता को दी, तो उन्होंने कहा कि सब ठीक हो जायेगा़ इसके बाद वह बीच में एक बार मायके आने के बाद पुन: ससुराल गयी, तो उसके साथ ससुरालवालों का व्यवहार और रूखा हो गया़ उसने कहा कि एक दिन उसने अपने कानों से उसके ससुरालवालों को बातचीत करते सुना कि उसकी हत्या कर आत्महत्या का रूप दे दिया जाये़ इस पर जब उसने विरोध किया, तो उसके साथ मारपीट की गयी़
गत 22 अप्रैल को उसके पति, ननद, मिरूता शर्मा व रवि प्रताप गढ़वा आये थे़ उन्होंने उस पर एक स्टॉम्प पेपर पर हस्ताक्षर करने के लिए दबाव बनाया. जब उसने ऐसा करने से इनकार किया, तो वे पेपर छोड़कर यह कहते हुये चले गये कि चैन से रहना चाहती है, तो इस पेपर पर हस्ताक्षर करके उसे डाक से भेजवा देना़ इसके बाद उसने इस आशय की प्राथमिकी गढ़वा थाने में दर्ज करायी़
महिला आरक्षी को पटक कर भाग रही थी अभियुक्त : एसपी
गढ़वा के एसपी प्रियदर्शी आलोक ने बताया कि राजस्थान के अलवर से गिरफ्तार करने के लिए गढ़वा से एक पुलिस निरीक्षक स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में दो महिला आरक्षी एवं एक पुरुष आरक्षी को न्यायालय का वारंट लेकर भेजा गया था़ वहां पहुंचने पर पुलिस ने घर में मौजूद एक मात्र सदस्य अर्पणा उर्फ पारूल जो प्रियंका शाही मामले की अभियुक्त थी, उपस्थित थी़ पुलिस उसे वहां के मजिस्ट्रेट के सामने पेश करने के बाद स्थानीय अस्पताल में मेडिकल जांच के लिए ले गयी थी़ इसी दौरान उक्त महिला ने महिला आरक्षी को गिरा दिया. फिर वहां से फरार हो गयी़
काफी मुश्किल से उसे दुबारा हिरासत में लिया गया़ लेकिन स्थानीय स्तर पर महिला के कई रिश्तेदार एवं शुभचिंतक होने के कारण उसे लाने में पुलिस को काफी परेशानी हो रही थी़ महिला स्थानीय लोगों की मदद से पुन: भागने के प्रयास में थी़ इस परिस्थिति को देखते हुये गढ़वा से गयी महिला आरक्षी को भीड़ से निकालने तक उसे रस्सी से बांधना पड़ा़ एसपी यह मानते हैं कि कमर में रस्सा बांध कर लाना सुप्रीम कोर्ट व मानवाधिकार के गाइडलाइन के विरुद्ध है, लेकिन व्यवहारिकता में पुलिस अपनी ड्यूटी पूरा करने के लिये कुछ समय के लिए महिला को रस्सी लगाने के लिए विवश हुई थी़ इस दौरान पुलिस का अन्य कोई इरादा नहीं था़ गढ़वा लाते ही अर्पणा को पुलिस ने जेल भेज दिया गया है़

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