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प्राथमिकी की गड़बड़ियों में छुपा है धनबाद गोलीकांड का राज

रांची: धनबाद के राजगंज थाना क्षेत्र में 14 जून को हुए कथित गोलीकांड और ट्रक चालक नाजिर को गोली लगने के मामले में दर्ज प्राथमिकी में कई राज छिपे हुए हैं. प्राथमिकी और जब्ती सूची के अध्ययन के बाद एक पुलिस अधिकारी ने कई सवाल खड़े किये हैं. इन सवालों से एसडीपीओ बाघमारा मो नजरुद […]

रांची: धनबाद के राजगंज थाना क्षेत्र में 14 जून को हुए कथित गोलीकांड और ट्रक चालक नाजिर को गोली लगने के मामले में दर्ज प्राथमिकी में कई राज छिपे हुए हैं. प्राथमिकी और जब्ती सूची के अध्ययन के बाद एक पुलिस अधिकारी ने कई सवाल खड़े किये हैं. इन सवालों से एसडीपीओ बाघमारा मो नजरुद होदा और हरिहरपुर थाना के प्रभारी संतोष रजक की भूमिका संदेहास्पद प्रतीत होती है. एक सवाल यह भी खड़ा हो रहा है कि डीएसपी रैंक के अफसर को स्कॉरपियो नहीं उपलब्ध करायी जाती है, लेकिन घटना की रात एसडीपीओ बाघमारा बिना नंबरवाली स्कॉरपियो से जीटी रोड पर पहुंचे थे. यह स्कॉरपियो किसकी है और इसे कौन चला रहा था.
प्राथमिकी के अध्ययन के बाद एक पुलिस अधिकारी ने खड़े किये हैं कई सवाल
प्राथमिकी में एक जगह लिखा गया है कि घटनास्थल पर कोई स्वतंत्र गवाह नहीं रहने की वजह से पुलिस चालक व सिपाही को जब्ती सूची में गवाह बनाना पड़ा. उसी प्राथमिकी में यह भी लिखा है कि राजगंज पुलिस वाहन चेक कर रही थी. ट्रकों की लंबी लाइन लगी थी. मतलब घटनास्थल पर लाइन में लगे ट्रकों के ड्राइवर व चालक मौजूद थे. मतलब वहां स्वतंत्र गवाह उपलब्ध थे.
जब्ती सूची में सूचक दारोगा संतोष रजक ने हथियार का नाप लेकर इसका जिक्र किया है. इसका मतलब यह है कि उन्होंने हथियार का गहराई से मुआयना किया, लेकिन गोली के बारे में यह नहीं लिखा कि बरामद गोली किस बोर की है. इसका मुआयना क्यों नहीं किया. जब्ती सूची में देसी पिस्तौल और मैगजीन की बरामदगी दिखायी गयी है, लेकिन देसी पिस्तौल में मैगजीन होता ही नहीं है. मैगजीन देसी .9 एमएम पिस्तौल में होता है.
ट्रक चालक नाजिर को गोली लगने की घटना राजगंज थाना क्षेत्र में जीटी रोड पर हुई. यह क्षेत्र एसडीपीओ बाघमारा के अधिकार क्षेत्र में आता है. एसडीपीओ बाघमारा घटनास्थल पर मौजूद थे. फिर उन्होंने घटनास्थल पर ही घटना का सुपरविजन क्यों नहीं किया.
प्राथमिकी के मुताबिक शाने पंजाब बोटल तोपचांची थाना क्षेत्र में है. ट्रक यहां से भागा. इसकी सूचना राजगंज थाना को दी गयी. तब राजगंज पुलिस ने बैरियर लगा कर चेकिंग शुरू कर दी. इससे जीटी रोड पर ट्रकों की लंबी लाइन लग गयी थी. इसके बाद गोली चलाने और चालक नाजिर को गोली लगने की घटना हुई, लेकिन प्राथमिकी में घटनास्थल पर राजगंज थाना के किसी पुलिसकर्मी को दिखाया ही नहीं गया है.
हरिहरपुर थाना के तत्कालीन प्रभारी संतोष कुमार रजक ने राजगंज थाना क्षेत्र में जीटी रोड पर प्राथमिकी दर्ज करायी. प्राथमिकी का आवेदन उन्होंने तोपचांची थाना प्रभारी को संबोधित करते हुए लिखा है, लेकिन नियमानुसार थाना परिसर से बाहर पुलिस पदाधिकारी द्वारा दर्ज की जानेवाली प्राथमिकी में संबंधित पुलिस पदाधिकारी का फर्द बयान दर्ज किया जाता है. इस मामले में ऐसा नहीं किया गया.

जब्ती सूची में हथियार जब्त करने का स्थान जीटी रोड का उत्तरी लेन, राजगंज थाना क्षेत्र बताया गया है. लेकिन प्राथमिकी में यह कहा गया है कि ट्रक रुकने के बाद उस पर सवार लोग उतर गये और फायरिंग करते हुए भागने लगे. फिर जब्ती का स्थान जीटी रोड का उत्तरी लेन कैसे हो सकता है.

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