10 हजार से अधिक को नोटिस जारी
1.21 लाख एकड़ भूमि की जमाबंदी संदिग्ध विवेक चंद्र रांची : सरकार ने राज्य में संदिग्ध जमाबंदी के 40,145 मामले चिह्नित किये हैं. कुल 1,21,483 एकड़ जमीन की जमाबंदी को संदिग्ध मानते हुए इसे रद्द करने की कार्यवाही शुरू कर दी है. अब तक जमाबंदी रद्द करने के लिए 10 हजार से अधिक नोटिस जारी […]
1.21 लाख एकड़ भूमि की जमाबंदी संदिग्ध
विवेक चंद्र
रांची : सरकार ने राज्य में संदिग्ध जमाबंदी के 40,145 मामले चिह्नित किये हैं. कुल 1,21,483 एकड़ जमीन की जमाबंदी को संदिग्ध मानते हुए इसे रद्द करने की कार्यवाही शुरू कर दी है. अब तक जमाबंदी रद्द करने के लिए 10 हजार से अधिक नोटिस जारी किया जा चुका है. विभिन्न जिलों के अंचलों में 781 एकड़ से अधिक जमीन की जमाबंदी रद्द भी कर दी गयी है. सरकार मानती है कि संदिग्ध जमाबंदी के मामलों में सरकारी भूमि का अवैध हस्तांतरण किया गया है.फरजीवाड़ा कर रजिस्टर-टू में नाम शामिल कराया गया है.
नवीकरण के लिए नहीं दिया आवेदन : मुख्य सचिव राजबाला वर्मा के निर्देश पर जिलों के अपर समाहर्ताओं को गलत तरीके से हस्तांतरित सरकारी भूमि को अंचलवार व हलकावार चिह्नित करने के लिए कहा गया है. विभागीय सूत्रों के मुताबिक, राज्य सरकार ने गैर मजरूआ जमीन अलग-अलग लोगों के नाम बंदोबस्त की थी. निर्धारित समय सीमा समाप्त होने के बाद भी इन लोगों ने बंदोबस्ती नवीकरण के लिए आवेदन नहीं दिया है. सरकार ऐसी जमीन की जमाबंदी रद्द कर उसे अपने कब्जे में लेगी.
अवैध तरीके से हस्तांतरित कर दी : कुछ लोगों ने सरकार से ली गयी जमीन, सरकार की अनुमति के बिना ही दूसरे को बेच दी. बाद में दूसरे व्यक्ति ने भी रजिस्टर-टू में अपनी जमाबंदी कायम करा ली. सरकार द्वारा बंदोबस्त की गयी जमीन बिना सरकारी अनुमति के किसी को हस्तांतरित नहीं की जा सकती है. ऐसे सभी मामलों में जमीन की जमाबंदी रद्द कर सरकार उसे अपने कब्जे में लेने की आवश्यक प्रक्रिया अपना रही है. सादा हुकुमनामे के सहारे भी अपने नाम की
जमीनदारी खत्म होने के बाद सादा हुकुमनामा के सहारे जमीन अपने नाम कराने के मामले की जानकारी भी मिली है. जमीनदारी प्रथा के उन्मूलन के समय जमीनदारों ने सादा हुकुमनामा पर लोगों को जमीन का रैयत घोषित कर दिया था. अंगरेजों के जमाने से अब तक चले आ रहे नियम के मुताबिक 100 रुपये से कम की खरीद-बिक्री के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य नहीं था.
आजादी के पहले जमीन की कीमत एक सौ रुपये व इससे कम का होना आश्चर्य की बात नहीं थी. जमीन के छोटे टुकड़ों की कीमत एक सौ रुपये से कम बताते हुए जमीनदारों ने बड़ी संख्या में सादा हुकुमनामा के आधार पर जमीने बंदोबस्त करायी थी. सरकार से ली गयी जमीन अनधिकृत तरीके से दूसरे को हस्तांतरित करने और फरजी सादा हुकुमनामा के आधार पर जमीन बंदोबस्त करने के मामलों में सरकारी कर्मचारियों की भूमिका भी संदिग्ध पायी गयी है.
संदिग्ध जमाबंदी के 40,145 मामले चिह्नित
अब तक 781 एकड़ की
जमाबंदी हुई रद्द
जमाबंदी रद्द (एकड़ में)
बेरमो 5.75
जरीडीह 0.22
बोकारो 14.255
बेरमो 94.247
जरीडीह 3.706
मांडू 2.03
गोला 85.75
रामगढ़ 40.93
दारू 10.00
हजारीबाग 92.66
केरेडारी 21.59
प्रतापपुर 160.00
पत्थलगढ़ा 1.92
चतरा 222.00
गोविंदपुर 18.37
चंदवार 2.41
कोडरमा 4.61
लेस्लीगंज 0.59