रांची: इस्टर्न जोनल काउंसिल की बैठक में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने झारखंड में अर्धसैनिक बलों की प्रतिनियुक्ति के दौरान उन पर हुए 4139.79 करोड़ रुपये खर्च की प्रतिपूर्ति करने का अनुरोध केंद्र सरकार से किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि उग्रवाद प्रभावित राज्य होने के कारण विधि-व्यवस्था की समस्या है. इसलिए अर्धसैनिक बलों की प्रतिनियुक्ति पर होनेवाले खर्च को केंद्र वहन करे.
Advertisement
अर्धसैनिक बलों पर खर्च हुए 4139.79 करोड़ दे केंद्र
रांची: इस्टर्न जोनल काउंसिल की बैठक में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने झारखंड में अर्धसैनिक बलों की प्रतिनियुक्ति के दौरान उन पर हुए 4139.79 करोड़ रुपये खर्च की प्रतिपूर्ति करने का अनुरोध केंद्र सरकार से किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि उग्रवाद प्रभावित राज्य होने के कारण विधि-व्यवस्था की समस्या है. इसलिए अर्धसैनिक बलों की प्रतिनियुक्ति पर […]
मिल कर बनायें विकास योजनाएं : सीएम ने कहा : वर्षों पूर्व परिषद के सभी राज्य पश्चिम बंगाल, बिहार, ओड़िशा और झारखंड एक ही प्रदेश के हिस्सा थे, जो अलग-अलग समय में अस्तित्व में आयें. परिषद के हम चारों सदस्य मिल-बैठ कर विकास की योजनाएं बनायें और अपनी समस्याओं को हल करने में एक-दूसरे का सहयोग करें.
635 किमी सड़क को फोर लेन करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दें : मुख्यमंत्री ने कहा : झारखंड एक लैंड लाॅक्ड राज्य है. राज्य में उपलब्ध संसाधनों की ढुलाई व उपयोग के लिए सड़क विकसित करना जरूरी है. राज्य ने 635 किमी लंबी पांच सड़कों को फोर लेन करने के लिए एनएचआई को प्रस्ताव भेजा है.
उक्त सड़कें उत्तर प्रदेश, ओड़िशा, छत्तीसगढ़ व बिहार से जुड़ी हैं. राज्य में एनएच की लंबाई 2612 किमी है. इसमें से 1890 किमी सड़क राज्य सरकार के अधीन है. इनमें 375 किमी अब भी सिंगल या इंटरमीडिएट लेन है. 169 किमी सड़क को टू-लेन में परिवर्तित करने के लिए छह प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया है. इसलिए एनएचआइ और परिवहन मंत्रालय इन प्रस्तावों को प्राथमिकता के आधार पर स्वीकृति दे. इनमें एनएच-75 (260 किमी, रांची, लातेहार, पलामू, गढ़वा-उत्तर प्रदेश सीमा), एनएच-23 (209 किमी, रांची-चाईबासा-जैतगढ़-ओड़िशा सीमा), एनएच-78 (23 किमी गुमला-छत्तीसगढ़ सीमा), एनएच-133 (86 किमी, हंसडीहा-झारखंड-बिहार सीमा) और एनएच-98 ( 55.4 किमी,पड़वा मोड़-हरिहरगंज-बिहार सीमा) शामिल हैं.
90 रोड व 58 पुल के प्रस्ताव को स्वीकृति दें
मुख्यमंत्री ने कहा : राज्य सरकार ने नवंबर-2015 में 90 सड़कों और 58 पुल निर्माण के लिए गृह मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा था. रूरल रोड प्रोजेक्ट (आरआरपी)- दो के तहत इन प्रस्तावों को प्राथमिकता के आधार पर स्वीकृत किया जाये. इसमें पलामू में छतरपुर-जपला रोड (16.5 किमी), गढ़वा स्थित खरसोटा मोड़-कसनाप रोड (23.30 किमी), गुमला के भीखमपुर-मेराल रोड (20.06 किमी), चतरा का उटामोड़-समासीन रोड (30 किमी), लातेहार का गिद्दी मोड़-मुरपा रोड (47.3 किमी), खूंटी का मुरहू-बंदगांव रोड (33.80 किमी) और गुमला का कोटाम-कुरुमगढ़ रोड (41.9 किमी) आदि प्रमुख हैं.
आठ रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण शुरू हो
मुख्यमंत्री ने केंद्र से कहा कि राज्य ने 37 रेलवे ओवरब्रिज के निर्माण का प्रस्ताव दिया था. रेल मंत्रालय ने 32 के निर्माण को स्वीकृति दे दी है. अन्य पांच योजनाओं को भी स्वीकृत किया जाये. साथ ही आठ आरओबी का निर्माण इसी साल शुरू किया जाये. खर्च की 50 फीसदी राशि राज्य सरकार ने दे दी है.
पेंशन बंटवारा व गेस्ट हाउस विवाद कोर्ट के बाहर सुलझायें
बिहार के साथ पेंशन दायित्व बंटवारे का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा : उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ में जनसंख्या के आधार पर पेंशन दायित्व का बंटवारा किया गया. झारखंड के संबंध में यह नीति नहीं अपनायी गयी. इससे राज्य सरकार पर अतिरिक्त वित्तीय भार पड़ा है. हालांकि यह मामला अदालत में लंबित है. फिर भी अदालत से बाहर इस मामले को निबटाने के लिए पहल की जानी चाहिए. इसी तरह दिल्ली स्थित बिहार भवन अब तक झारखंड सरकार को स्थानांतरित नहीं किया गया है. यह मामला भी कोर्ट में लंबित है. इसे भी अदालत के बाहर निबटाने की पहल होनी चाहिए.
सैनिक कल्याण निदेशालय का बंटवारा हो
मुख्यमंत्री ने कहा : राज्य गठन के समय सैनिक कल्याण निदेशालय के उपयोग के लिए संपत्ति का बंटवारा 3:1 के अनुपात में हुआ था. तब एकीकृत निधि कोष की राशि 22 करोड़ रुपये थी. इसका बंटवारा अब तक नहीं हुआ है. सैनिक कल्याण निदेशालय (पटना) से लगातार संपर्क के बाद भी अब तक इस दिशा में कोई प्रगति नहीं हो सकी है.
वन भूमि के बदले भूमि के हस्तांतरण से छूट मिले
सीएम रघुवर दास ने मांग की कि केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की तरह ही राज्य सरकार की संस्थाओं को भी वन भूमि के बदले भूमि के हस्तांतरण की छूट मिले. वर्तमान में राज्य की एजेंसियों के लिए वन भूमि के बदले उसके समकक्ष भूमि का स्थानांतरण करना अनिवार्य है. इस तथ्य को ध्यान में रखने की जरूरत है कि सरकारी दस्तावेज में जंगल-झाड़ी के रूप में दर्ज जमीन भी वन भूमि की परिभाषा में आता है. इस कारण राज्य की विकास योजनाएं बाधित हो रही हैं.
नशीले पदार्थ की तस्करी रोकने के लिए बने संयुक्त व्यवस्था
मुख्यमंत्री ने कहा : नशीले पदार्थों की तस्करी बढ़ रही है. इसे रोकने के उद्देश्य से खुफिया जानकारी को साझा करना लाभप्रद होगा. इसके लिए पड़ोसी राज्यों की पुलिस, एक्साइज व नाॅरकोटिक्स ब्यूरो के बीच नियमित बातचीत करने के लिए संयुक्त तंत्र बनाया जाना चाहिए.
वज्रपात से मरने पर मिले सहायता राशि
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश भर में वज्रपात से होनेवाली मौत का औसत आंकड़ा प्रति वर्ष 400 है. झारखंड में यह आंकड़ा 200 व्यक्ति प्रतिवर्ष है. इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करते हुए भारत सरकार पीड़ितों के लिए सहायता व अनुदान राशि उपलब्ध कराये.
सूखा राहत कोष में और राशि दें
उन्होंने कहा : 2015-16 में समय से पहले माॅनसून की वापसी के कारण हुई फसल की क्षति के लिए 6800 रुपये प्रति हेक्टेयर मुआवजा की दर है. इसी तरह क्षतिग्रस्त जलाशय, डैम, पेयजल आपूर्ति संरचना की मरम्मत के लिए 1.50 लाख की अधिकतम सीमा निर्धारित है. यह राशि अपर्याप्त है. इसे संशोधित करते हुए राशि की सीमा वास्तविक व्यय के अनुसार बढ़ायी जाये.
काॅमफेड का मामला जल्द सुलझायें
मुख्यमंत्री ने गृह मंत्रालय के अधिकारियों से आग्रह किया कि रांची, बोकारो व जमशेदपुर के दुग्ध उत्पादन परियोजना एवं मवेशी चारा संयंत्र के स्वामित्व का मुद्दा जल्द सुलझायें. काॅमफेड की तीनों संयंत्र झारखंड में हैं, लेकिन इस पर स्वामित्व बिहार सरकार का है.
इज आफ डुइंग बिजनेस में तीसरे स्थान पर पहुंचे
उन्होंने कहा : राज्य में कानून का शासन एवं न्याय के साथ विकास के मूलमंत्र पर योजनाबद्ध तरीके से काम किया जा रहा है. सामाजिक एवं आधारभूत संरचना के क्षेत्र में हम तेजी से प्रगति कर रहे हैं. इसी का परिणाम है कि हम ईज आॅफ डूइंग बिजनेस (व्यापार शुरू करने की आसानी) में तीसरे स्थान पर हैं. विश्व बैंक द्वारा किये गये आकलन में हमें 63.07 प्रतिशत अंक मिले. आकलन में यह उल्लेख किया गया है कि हमने चार क्षेत्रों संपत्ति के निबंधन, पर्यावरणीय आपत्ति, वाणिज्य कर और भूमि के आवंटन में बहुत विकास किया है.
150 मामलों पर िकया गया विचार : राजनाथ
बैठके बाद केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा : आतंकवाद से निबटने के लिए पाकिस्तान को सहयोग करना चाहिए. काउंसिल की बैठक में करीब 150 मामलों पर विचार किया गया. 50 प्रतिशत मुद्दों का हल निकाल लिया गया है. शेष मुद्दों को निबटाने के लिए मुख्य सचिवों की समिति बनने को कहा गया है. रांची को स्मार्ट सिटी के रूप में चुने जाने पर उन्होंने खुशी जतायी.
झारखंड-बिहार भाई
भाई है : रघुवर दास
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा : झारखंड-बिहार भाई-भाई है. समस्या मिल कर सुलझायेंगे. 49 गांव का सीमा विवाद पश्चिम बंगाल से था. इस मामले को सुलझा लिया गया है. नक्सलियों के खिलाफ पड़ोसी राज्यों की पुलिस साथ मिल कर काम करेगी. नशीले पदार्थों की खेती और तस्करी रोकने के लिए कार्रवाई की जायेगी.
िमल कर सुलझायेंगे विवाद : नीतीश कुमार
बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने पत्रकारों से कहा : झारखंड को बिहार से अलग हुए 16 साल हो गये. अब भी कई विषय हैं, जिन पर विवाद कायम है. दोनों राज्यों के बीच भावनात्मक रिश्ता है. आपस में बैठ कर मामले को सुलझायेंगे. सभी तरह के विवादों के लिए पहले दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों की बैठक होगी. उनकी रिपोर्ट पर दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक होगी. जरूरत पड़ी, तो गृह मंत्री और वहां के अधिकारी के साथ भी बैठक कर मामले को सुलझायेंगे.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement