जामिया नगर मोहल्ले की हर सड़क दिखती है चकाचक

रांची शहर के कई ऐसे मुहल्ले हैं, जहां के लोगों ने अपने सामूहिक प्रयास से इसे स्मार्ट कॉलोनी में बदल दिया है. यह बदलाव स्व अनुशासन तथा यहां के लोगों के अपने व्यवहार में परिवर्तन से संभव हुआ है. ऐसे प्रयास न सिर्फ सरकार के लिए, बल्कि शहर के लोगों के लिए भी अनुकरणीय हैं. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 29, 2016 6:27 AM
रांची शहर के कई ऐसे मुहल्ले हैं, जहां के लोगों ने अपने सामूहिक प्रयास से इसे स्मार्ट कॉलोनी में बदल दिया है. यह बदलाव स्व अनुशासन तथा यहां के लोगों के अपने व्यवहार में परिवर्तन से संभव हुआ है. ऐसे प्रयास न सिर्फ सरकार के लिए, बल्कि शहर के लोगों के लिए भी अनुकरणीय हैं. हर छोटी-बड़ी कमी या समस्या के लिए सिर्फ सरकार को दोष देने के अपने मानस से हमें उबरना होगा. हमारे अपने ही शहर के कई साफ-सुथरे मोहल्ले व कॉलोनियों का भी संदेश यही है. हम आज से एेसे ही साफ-सुथरा व प्रेरणादायी मोहल्लों व कॉलोनियों के बारे खबर प्रकाशित करेंगे. आज पढ़ें जामिया नगर मोहल्ले (वार्ड नंबर 28) के बारे में.
रांची: वार्ड नंबर 28 के जामिया नगर की पहचान शहर के साफ-सुथरा मोहल्ले के रूप में है. यहां की हर सड़कें चकाचक दिखती हैं. नालियां भी साफ दिखती हैं. मोहल्ले में कहीं पर भी कूड़े-कचरे का नामोनिशान नहीं दिखता है. यह सब यहां के लोगों के सामूहिक प्रयास से संभव हो पाय है. इस मोहल्ले के लोग साफ-सफाई के प्रति काफी जागरूक हैं. कचरे को लोग डस्टबीन में ही फेंकते हैं. यहां 26 मकान के अलावा पांच अपार्टमेंट भी बने हुए हैं. यहां की कुल आबादी 600 के आसपास है.
जामिया नगर में प्रवेश करने के लिए दो द्वार बने हैं. दोनों ही द्वार से प्रवेश करने पर अंदर आलीशान मकान दिखते हैं. साफ-सुथरी सड़कें दिखती हैं. कहीं भी गंदगी नहीं दिखती है. लोगों ने बताया कि यहां हर घरों में डस्टबीन है. उसी में लोग अपने-अपने घरों से निकलने वाले कूड़े-कचरे को रखते हैं. सुबह में आकर रांची नगर निगम के सफाईकर्मी कूड़े ले जाते हैं. अगर किसी कारणवश किसी दिन मोहल्ले में सफाई कर्मचारी नहीं आया, तो लोग कूड़े को नाली में या इधर-उधर नहीं फेंकते हैं. घर से थोड़ी दूर पर रांची नगर निगम द्वारा लगाये गये बने डस्टबीन में कचरा डालते हैं.
निजी फंड से होती है नालियों की सफाई
मोहल्ले की हर चीज व्यवस्थित रहे, इसके लिए यहां सोसाइटी का गठन किया गया है. सोसाइटी हर घर से यूजर चार्ज के रूप में प्रतिमाह 200 रुपये लेती है. अगर निगम के कर्मचारी यहां सफाई करने नहीं आते हैं, तो इसी राशि से मजदूर मंगा कर नालियों की सफाई करायी जाती है. इसके अलावा स्ट्रीट लाइट भी लगायी जाती है.
हरियाली पर भी है ध्यान
मोहल्ले की सड़कें 10 फीट चौड़ी हैं. सड़क के दोनों ओर डेढ़-डेढ़ फीट जगह नाली के लिए छोड़ी गयी है. सड़क किनारे जगह नहीं होने के कारण लोगों ने अपने बाउंड्रीवाॅल से सटाकर कई फलदार पेड़ लगाये हैं. इसके अलावा मोहल्ले के अधिकतर घरों के आंगन में फूल व पौधे लगे हुए हैं.
मोहल्ले में सुरक्षा व्यवस्था भी है पुख्ता
मोहल्ले में प्रवेश करने के लिए दो गेट बने हैं. इन गेटों पर रात में सुरक्षा गार्ड तैनात रहते हैं. रात में यहां प्रवेश करने व बाहर निकलने वालों का नाम दर्ज किया जाता है. प्रतिदिन रात के 10 से सुबह पांच बजे तक यहां सुरक्षा गार्ड ड्यूटी करते हैं. रात में बिना अनुमति कोई भी प्रवेश नहीं कर सकता है़

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