कृषि मंत्री ने 12 पंचायत के लिए 24 तालाब कैसे लिये?

जामताड़ा/रांची: जामताड़ा परिसदन में विधानसभा की आंतरिक संसाधन व केंद्रीय सहायता समिति ने सोमवार को विकास योजनाओं की समीक्षा की. इस दौरान समिति ने कृषि मंत्री रणधीर सिंह के विधानसभा क्षेत्र करमाटांड़ की 12 पंचायतों में भूमि संरक्षण विभाग द्वारा 24 तालाब दिये जाने पर कड़ी नाराजगी जतायी. समिति ने भूमि संरक्षण विभाग पर सत्ता […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 5, 2016 1:41 AM
जामताड़ा/रांची: जामताड़ा परिसदन में विधानसभा की आंतरिक संसाधन व केंद्रीय सहायता समिति ने सोमवार को विकास योजनाओं की समीक्षा की. इस दौरान समिति ने कृषि मंत्री रणधीर सिंह के विधानसभा क्षेत्र करमाटांड़ की 12 पंचायतों में भूमि संरक्षण विभाग द्वारा 24 तालाब दिये जाने पर कड़ी नाराजगी जतायी.

समिति ने भूमि संरक्षण विभाग पर सत्ता पक्ष के मंत्री-विधायक के विधानसभा में योजनाओं को लेकर पक्षपात करने का अारोप लगाया.आंतरिक संसाधन व केंद्रीय सहायता समिति का नेतृत्व समिति के अध्यक्ष बरही विधायक मनोज कुमार यादव कर रहे थे, जिसमें विधायक केदार हाजरा, डॉ इरफान अंसारी भी मौजूद थे.

योजनाओं की समीक्षा के दौरान बात सामने आयी कि भूमि संरक्षण विभाग में 56 तालाबों में से 24 तालाब सिर्फ जामताड़ा के करमाटांड़ क्षेत्र में रणधीर सिंह ने लिये हैं. देवघर जिला से भी मंत्री ने तालाब लिया है. जामताड़ा विधानसभा क्षेत्र मेें 19 तथा नाला विधानसभा क्षेत्र में सिर्फ 13 तालाब भूमि संरक्षण विभाग की ओर से दिया गया है. समिति ने भूूमि संरक्षण विभाग के पदाधिकारी सुबोध कुमार सिंह से पूछा कि किस आधार पर आपके विभाग ने कृषि मंत्री के विधानसभा क्षेत्र में इतना अधिक तालाब कैसे मुहैया कराया. क्या सरकार के यहां से ऐसा कोई निर्देश आया है? जबकि कृषि मंत्री के विधानसभा क्षेत्र का कुछ ही हिस्सा करमाटांड़ प्रखंड में पड़ता है. समिति ने भूमि संरक्षण पदाधिकारी को इस बात को लेकर कड़ी फटकार लगायी.

विधानसभा में उठायेंगे मामला
विधानसभा की आंतरिक संसाधन एवं केंद्रीय सहायता समिति का कहना था कि तालाब का मामला आगामी विधानसभा सत्र में उठाया जायेगा. वर्षाकालीन सत्र में मामले को लेेकर सरकार और प्रशासन को घेरा जायेगा. यह कैसे संभव हुआ कि सत्ता पक्ष के विधायक और मंत्री के क्षेत्र में ज्यादा तालाब दिया गया. सरकार के पास कोई ऐसा नियमावली है, तो सदन के पटल पर रखना होगा.

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