विधानसभा: 22 जुलाई से शुरू होगा मॉनसून सत्र, सरकार को घेरने की तैयारी में विपक्ष
रांची: विधानसभा का मॉनसून सत्र 22 जुलाई से आहूत है. 29 जुलाई तक चलने वाले सत्र छह कार्य दिवस होंगे. हालांकि, सत्र छोटा है, लेकिन पूरे आसार हैं कि यह हंगामेदार होगा. सरकार द्वारा स्थानीय नीति घोषित करने के बाद विधानसभा का यह पहला सत्र है. स्थानीय नीति को लेकर विपक्ष ने सड़क पर सरकार […]
रांची: विधानसभा का मॉनसून सत्र 22 जुलाई से आहूत है. 29 जुलाई तक चलने वाले सत्र छह कार्य दिवस होंगे. हालांकि, सत्र छोटा है, लेकिन पूरे आसार हैं कि यह हंगामेदार होगा. सरकार द्वारा स्थानीय नीति घोषित करने के बाद विधानसभा का यह पहला सत्र है. स्थानीय नीति को लेकर विपक्ष ने सड़क पर सरकार को घेरने की कोशिश की है. जाहिर है कि सदन के अंदर भी यह मामला गरमायेगा़.
इसके अलावा तोपचांची के इस्पेक्टर उमेश कच्छप की आत्महत्या, ताला मरांडी के बेटे पर लगे यौन शोषण और नाबालिग लड़की से शादी जैसे आराेपों समेत कई मुद्दों पर विपक्ष सरकार को सदन में घेर सकता है. इधर, झामुमो का रुख भी आक्रामक है़ झामुमो ने साफ कर दिया है कि वह स्थानीय के वर्तमान नीति के स्वीकार नहीं करेगा. स्थानीयता नीति को लेकर बंदी से पूर्व विधायक जगन्नाथ महतो की एक मामले में गिरफ्तारी को भी झामुमो सदन में लायेगा. प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन ने कहा है कि सदन सुचारु तरीके से चले, इसके लिए सरकार को सोचना है.
विपक्ष हमले के मूड में
कांग्रेस और झाविमो भी अलग-अलग मुद्दों पर सरकार के खिलाफ माेरचा खाेलने की तैयारी में हैं. राज्य में आपराधिक घटनाओं और पुलिस के काम के तरीके को लेकर भी विपक्षी पार्टियां हमले के मूड में हैं. सरकार के विकास कार्यों में विपक्ष लापरवाही का आरोप लगा रहा है. डोभा सहित दूसरे विकास कार्य चर्चा के एजेंडे में होंगे. संताल परगना में जमीन अधिग्रहण का मामला एक बार फिर गरमा सकता है. राजनीतिक दलों के तल्ख तेवर से साफ है कि छह दिनों का यह सत्र शायद ही सुचारु रूप से चल पायेगा.
क्या कहता है विपक्ष
आश्वासनों का नहीं होता कोई मतलब : सुखदेव
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष व विधायक सुखदेव भगत का कहना है कि सदन में ऐसे कई गंभीर मुद्दे हैं, जिस पर सरकार को जवाब देना होगा. सदन में मुख्यमंत्री-मंत्री के आश्वासन और जवाब का कोई मतलब नहीं है. इसका अनुपालन नहीं हो रहा है. ऐसे में सत्र चलाने का कोई मतलब नहीं है. लॉ एंड आर्डर की स्थिति खराब है. पुलिस कैसे काम करती है, यह तोपचांची में इस्पेक्टर उमेश कच्छप की मौत से सामने आ गया है. श्री भगत ने कहा कि अराजक स्थिति है. इस्पेक्टर की आत्महत्या संदेहास्पद है. स्थानीय नीति में विसंगतियां हैं. नियुक्तियों प्रक्रिया में विरोधाभास है.
हर जगह हो रही है लूट और अनियमितता : प्रदीप
झाविमो विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने कहा कि वर्तमान सरकार में मुद्दों की कमी नहीं है. हर क्षेत्र में लूट-अनियमितता और लचर व्यवस्था है. लॉ एंड आर्डर पिछले 15 वर्षों में सबसे खराब स्थिति में है. पुलिस और शासन तंत्र का सरकार दुरुपयोग किया है. पुलिस का इस्तेमाल विरोधियों को तंग करना और अपनों की मदद करना में हो रहा है. ताला मरांडी का ही प्रकरण देखें, तो सबकुछ साफ है. आनन-फानन में केस किया गया. ताला मरांडी के बेटे और समधी पर केस हुआ, लेकिन विधायक को छोड़ दिया गया. धनबाद तोपचांची में इंस्पेक्टर उमेश कच्छप की आत्महत्या भी सामान्य घटना नहीं है. इस पर सरकार को जवाब देना होगा. विकास के नाम पर लूट हो रही है. निगम बना कर केंद्रीकरण किया गया है. सभी टेंडर एक ही जगह से निपटाये जा रहे हैं. निगम लूट का माध्यम बन गया है. स्थानीयता पर केवल विपक्ष हीं नहीं, बल्कि पक्ष सरकार से जवाब मांगेगा.
अधिसूचना जारी
विधानसभा के मॉनसून सत्र की अधिसूचना जारी कर दी गयी है. राज्यपाल के आदेश के बाद 22 जुलाई से सत्र आहूत करने की सूचना जारी की गयी है.