लापरवाही: मेंटेनेंस पर नहीं दिया ध्यान, कबाड़ हुईं 14 सिटी बसें

रांची: कंडम हो चुकी 14 सिटी बसों की मरम्मत कराना नगर निगम के लिए चुनौती बन गया है. बस की मरम्मत किये जाने को लेकर रांची नगर निगम ने अब तक तीन बार टेंडर निकाला, परंतु एक भी एजेंसी ने इसमें रुचि नहीं दिखायी. बसों की मरम्मत के लिए निगम के अधिकारी अब बस कंपनी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 7, 2016 2:03 AM
रांची: कंडम हो चुकी 14 सिटी बसों की मरम्मत कराना नगर निगम के लिए चुनौती बन गया है. बस की मरम्मत किये जाने को लेकर रांची नगर निगम ने अब तक तीन बार टेंडर निकाला, परंतु एक भी एजेंसी ने इसमें रुचि नहीं दिखायी. बसों की मरम्मत के लिए निगम के अधिकारी अब बस कंपनी स्वराज माजदा के जोनल ऑफिस कोलकाता से संपर्क कर रहे हैं.
170 सिटी में से 70 सिटी बसों को परिचालन के लिए रांची नगर निगम को सरकार ने वर्ष 2010 में सौंप दिया. इधर, निगम ने मैनपावर की कमी बताते हुए इन बसों का परिचालन करने से इनकार कर दिया. फिर ये बसें जेटीडीसी को हस्तांतरित की गयी. जेटीडीसी ने भी कर्मचारियों की कमी का हवाला देते हुए इन बसों काे एक निजी एजेंसी को सौंप दिया.
तीन साल तक निजी एजेंसी ने बसों का परिचालन तो किया, परंतु बसों के मेंटेनेंस पर ध्यान नहीं दिया गया. इसका नतीजा यह हुआ कि 18 बसें खड़ी-खड़ी ही कंडम हो गयीं. वर्ष 2015 में जेटीडीसी ने इन बसों को नगर निगम को हस्तांतरित कर दिया.
इसके बाद निगम ने इन बसों की मरम्मत का काम शुरू कराया. जिन बसों में थोड़ी खराबी पायी गयी, उसे ठीक कर निजी एजेंसी केएम ट्रेवल्स को संचालन के लिए सौंप दिया. वहीं 14 बसों में ज्यादा खराबी होने के कारण निगम ने इसकी मरम्मत के लिए तीन बार टेंडर निकाला, लेकिन इसमें एक भी एजेंसी ने रुचि नहीं दिखायी.
स्वराज माजदा का नहीं है सर्विसिंग सेंटर
राज्य सरकार ने वर्ष 2010 में 170 सिटी बसों की खरीदारी की थी. स्वराज माजदा कंपनी से बसों की खरीद की गयी थी़ उस समय यह नहीं देखा गया था कि जिस कंपनी की 170 बसें हम खरीद रहे हैं, उसका सर्विस सेंटर राज्य में कितनी जगहों पर है. अब इसका खामियाजा सरकार व निगम को भुगतना पड़ रहा है. राजधानी में इस कंपनी का सर्विस सेंटर नहीं है.

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