कल्याण विभाग की महत्वपूर्ण योजनाएं साल भर से लंबित

रांची: कल्याण विभाग में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति संबंधित योजनाएं एक वर्ष से अधिक समय से लंबित हैं. खास बात यह है कि कल्याण मंत्री लुईस मरांडी ने इन आवेदनों को निबटाने के लिए पीत पत्र भी लिखा है, पर उनके आग्रह पर भी विचार नहीं किया गया. अनुसूचित जनजाति सहकारी विकास निगम (टीसीडीसी), […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 8, 2016 1:11 AM

रांची: कल्याण विभाग में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति संबंधित योजनाएं एक वर्ष से अधिक समय से लंबित हैं. खास बात यह है कि कल्याण मंत्री लुईस मरांडी ने इन आवेदनों को निबटाने के लिए पीत पत्र भी लिखा है, पर उनके आग्रह पर भी विचार नहीं किया गया.

अनुसूचित जनजाति सहकारी विकास निगम (टीसीडीसी), अनुसूचित जाति सहकारी विकास निगम (एससीडीसी) और जनजातीय कल्याण आयुक्त कार्यालय से अप्रैल 2015 से लेकर सितंबर 2015 के बीच निकाली गयी इच्छा की अभिव्यक्ति (एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट) पर अब तक फैसला नहीं लिया जा सका है. एससीडीसी, टीसीडीसी के पदेन प्रबंध निदेशक स्वयं जनजातीय कल्याण आयुक्त हैं. विभागीय सचिव पदेन अध्यक्ष हैं, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई. अनुसूचित जाति ग्राम विकास योजना के आवेदन भी लंबित : सरकार की तरफ से 22 अनुसूचित जाति ग्राम विकास योजना के तहत अप्रैल 2015 में आवेदन मंगाये गये थे. इसमें 174 स्वंयसेवी संस्थानों और कंपनियों ने आवेदन दिये थे. इसमें से 59 कंपनियों के आवेदनों पर विचार करते हुए उनके तकनीकी पक्ष के अनुरूप आगे की कार्रवाई करनी थी. हालांकि, अब तक इसमें अनिर्णय की स्थिति बनी हुई है.

339 एसटी गांवों का भी होना था विकास

राज्य के 339 एसटी ग्राम (अनुसूचित जनजाति गांवों) के विकास के लिए मंगाये गये आवेदनों की भी स्थिति पूर्ववत बनी हुई है. यह आवेदन जनजातीय सहकारी विकास निगम की ओर से मंगाये गये थे. सरकार की ओर से अक्तूबर 2015 में 32 स्वंयसेवी संस्थानों का अंतरिम रूप से चुनाव भी किया गया. पर उन्हें आज तक कार्य आवंटित नहीं किया गया. कहा गया कि इस योजना के लिए सरकार के पास फंड की कोई व्यवस्था नहीं है. बाद में यह दलील दी गयी कि अब एसटी ग्रामों का विकास मुख्यमंत्री अनुसूचित जनजाति ग्राम योजना के तहत किया जायेगा.

सुरक्षा से संबंधित निविदा भी लंबित

जनजातीय कल्याण आयुक्त की ओर से आमंत्रित आवासीय विद्यालयों की सुरक्षा से संबंधित निविदा भी 10 महीनों से लंबित है. इस निविदा के लिए तकनीकी और वित्तीय आवेदनों पर नौ जून 2016 को कल्याण सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति की ओर से विचार किया गया था. आवेदनों पर विचार करने के बाद फ्रंटलाइन एनसीआर और ओरियोन सिक्योर प्राइवेट लिमिटेड के आवेदन तकनीकी रूप से सफल पाये गये. पर अब तक आउटसोर्सिंग के जरिये सुरक्षाकर्मी, तृतीय और चतुर्थ वर्गीय कर्मी और रसोइया की नियुक्ति मामले पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गयी है.

Next Article

Exit mobile version