16 साल में केवल लैपटॉप पर नजर आया विकास : सीपी सिंह

रांची : नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने कहा कि पिछले 16 सालों में झारखंड का विकास केवल लैपटॉप पर ही नजर आया है. शहरों के विकास के लिए आवश्यक बिल्डिंग बाइलॉज या मास्टर प्लान जैसी चीजों में संशोधन के लिए लगा लंबा समय दुखदायी है. जिम्मेवार लोगों ने अपना दायित्व समय पर निभाया होता, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 8, 2016 1:19 AM
रांची : नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने कहा कि पिछले 16 सालों में झारखंड का विकास केवल लैपटॉप पर ही नजर आया है. शहरों के विकास के लिए आवश्यक बिल्डिंग बाइलॉज या मास्टर प्लान जैसी चीजों में संशोधन के लिए लगा लंबा समय दुखदायी है. जिम्मेवार लोगों ने अपना दायित्व समय पर निभाया होता, तो आज राज्य की स्थिति काफी बेहतर हो सकती थी. श्री सिंह गुरुवार को प्रोजेक्ट भवन के सभागार में ट्रांजिट ओरियेंटेड डेवलपमेंट, बिल्डिंग बाइलॉज और ऑनलाइन नक्शा स्वीकृति पर आयोजित प्रस्तुतीकरण व कार्यशाला में बोल रहे थे.
मंत्री श्री सिंह ने कहा कि राज्य सरकार सबके सुझाव लेकर झारखंड को विकास के पथ पर आगे बढ़ाना चाहती है. अब विकास योजनाओं को धरातल पर उतारने का समय आ गया है. विकास के दौरान समस्याएं आड़े आती ही हैं. सरकार समस्याओं का समाधान करते हुए जनता को ज्यादा से ज्यादा सुविधा देने के लिए कृतसंकल्प है. इस दौरान बिल्डिंग बाइलॉज और अॉनलाइन नक्शा स्वीकृति की प्रक्रिया के बारे में प्रस्तुतीकरण दिया गया. ट्रांजिट ओरियेंटेड डेवलपमेंट की व्याख्या करते हुए बताया गया कि शहर का कम से कम फैलाव करते हुए सड़क या मास रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम के आस-पास ही आबादी बसायी जाये. मौके पर नगर विकास विभाग के सचिव अरुण कुमार सिंह, सूडा के निदेशक, रांची नगर निगम के आयुक्त, विभिन्न नगर निकायों के अध्यक्ष, क्रेडाइ, आर्किटेक्ट एसोसिएशन और चेंबर आॅफ कॉमर्स के सदस्य आदि थे.
बिल्डिंग बाइलॉज को बेहतर किया जायेगा
बिल्डरों द्वारा बिल्डिंग बाइलॉज में संशोधन की मांग पर उन्होंने कहा कि सरकार जनता के हित में काम करती है. चीजों को बेहतर करने के लिए सुझाव लिये जा रहे हैं. भविष्य में बिल्डिंग बाइलॉज बेहतर किया जायेगा. ऑनलाइन नक्शा स्वीकृति की प्रक्रिया को अत्यावश्यक बताते हुए श्री सिंह ने कहा कि नक्शा पास नहीं होने की शिकायतें आम हैं. निकायों को एेसी व्यवस्था तैयार करनी चाहिए कि नक्शा स्वीकृति का आवेदन देने के बाद किसी को दौड़ना न पड़े.

समय से इसका निष्पादन होना चाहिए. जमीन की जांच के लिए अंचलाधिकारी के पास अधिक समय लगने की बात सामने आने पर मंत्री ने कहा कि वह मुख्यमंत्री से मिल कर निकायों में अंचलाधिकारी को पदस्थापित करने का सुझाव देंगे. श्री सिंह ने कहा कि चीजों को व्यवस्थित करने पर ध्यान देना होगा. निर्माण होने के बाद किसी का घर तोड़ना कष्ट दायक है. यह स्थिति आनी ही नहीं चाहिए. निर्माण के पहले ही नियम और कानून का पालन होना चाहिए़ यह जिम्मेवारी संबंधित प्रशासन और निकाय की है.

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