17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

चाईबासा में 12 दिन से लौह अयस्क की ढुलाई बंद

रांची: चाईबासा में पिछले 12 दिनों से लौह अयस्क की ढुलाई बंद है. इस कारण खदानों से उत्पादन ठप हो गया है. दूसरी ओर स्टील कारखानों में भी लौह अयस्क का स्टॉक कम होता जा रहा है. ढुलाई बंद होने से रेलवे, सरकार व कंपनियों को अब तक 51 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका […]

रांची: चाईबासा में पिछले 12 दिनों से लौह अयस्क की ढुलाई बंद है. इस कारण खदानों से उत्पादन ठप हो गया है. दूसरी ओर स्टील कारखानों में भी लौह अयस्क का स्टॉक कम होता जा रहा है. ढुलाई बंद होने से रेलवे, सरकार व कंपनियों को अब तक 51 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है. ऐसा आयरन ओर के डिस्पैच की अनुमति नहीं दिये जाने की वजह से हुआ.

इस मामले में सेल ने खान विभाग में शिकायत की है. इसके बाद खान निदेशक से चाईबासा के जिला खनन पदाधिकारी(डीएमओ) से स्पष्टीकरण पूछा है. स्टील सेक्टर में मंदी की मार झेल रही कंपनियां इस बात को लेकर परेशान हैं कि अगर ज्यादा दिन यही स्थिति रही, तो नुकसान के साथ-साथ श्रमिकों पर भी असर पड़ेगा. माइंस बंद होने से श्रमिक बेरोजगार हो सकते हैं. एक उद्यमी ने बताया कि एक तरफ सरकार निवेशकों को आमंत्रित करने के लिए कई बड़े कदम उठा रही है. निवेशक सम्मेलन किये जा रहे हैं. दूसरी ओर जो उद्योग यहां पहले से चल रहे हैं, उन पर सरकार का ध्यान नहीं है.
क्या है मामला : 28 जून 2016 को चाईबासा में नये डीएमओ मनोज कुमार ने पदभार संभाला. तब से लेकर अब तक सेल, टाटा स्टील, रुंगटा माइंस और उषा मार्टिन जैसी कंपनियों के लौह अयस्क के डिस्पैच की अनुमति डीएमओ द्वारा नहीं दी जा रही है. चाईबासा में इन कंपनियों की लौह अयस्क की खदान है. एक माइंस संचालक ने बताया कि अप्रैल 2016 से झारखंड इंटीग्रेटेड माइंस एंड मिनरल मैनेजमेंट सिस्टम(जिम्स) के माध्यम से अॉनलाइन रॉयल्टी जमा कर ही डिस्पैच की अनुमति मिलती है. कंपनियों ने रॉयल्टी जमा कर दी थी. इसी दौरान 28 जून को नये डीएमओ के रूप में मनोज कुमार ने पदभार संभाला.वह कहने लगे कि अभी उन्हें सारे सिस्टम को समझना होगा, इसके बाद ही डिस्पैच की अनुमति दे सकते हैं, जबकि कंपनियों द्वारा घाटा होने की दुहाई दी जा रही थी. टाटा स्टील व सेल ने यहां तक कहा कि उनकी फैक्टरी बंद हो जायेगी पर डीएमओ ने एक नहीं सुनी. वह कभी रांची चले जाते हैं, तो कभी जमशेदपुर. 12 दिनों में तीन से चार दिन ही वह कार्यालय में बैठे. इस कारण कंपनियों को लौह अयस्क का उत्पादन कम करना पड़ा. लौह अयस्क माइंस साइट पर डंप पड़ा हुआ है. डिस्पैच की अनुमति का इंतजार है.
51 करोड़ रुपये का हो चुका है नुकसान : चाईबासा में टाटा स्टील, सेल, रुंगटा माइंस व उषा मार्टिन द्वारा प्रतिदिन 50 हजार टन लौह अयस्क की ढुलाई की जाती है. सरकार को लौह अयस्क पर प्रति टन 150 से 200 रुपये की रॉयल्टी दी जाती है. ढुलाई नहीं होने से एक दिन में सरकार को 75 लाख रुपये का नुकसान हो रहा है. 12 दिनों में सरकार को नौ करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है. दूसरी ओर रेलवे द्वारा प्रतिदिन 10 से 12 रैक लौह अयस्क की ढुलाई की जाती है. एक रैक पर रेलवे को 10 से 12 लाख रुपये की आय होती है. यानी एक दिन में रेलवे को लगभग एक करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है. 12 दिनों में रेलवे को 12 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है. इधर, कंपनियों को भी घाटा उठाना पड़ रहा है. टाटा स्टील, सेल व अन्य कंपनियां फैक्ट्रियों तक आयरन ओर भेजती है. इधर, सेल के बोकारो व दुर्गापुर स्थित फैक्टरी में लौह अयस्क का स्टॉक कम होता जा रहा है. इसके चलते फैक्टरी से उत्पादन ठप होने की आशंका है. इस मामले को लेकर सेल समेत अन्य कंपनियों ने खान निदेशक को पत्र लिख कर शिकायत की है. इसके बाद खान निदेशक ने डीएमओ चाईबासा से स्पष्टीकरण पूछा है. कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि एक टन लौह अयस्क की ढुलाई न होने पर 500 रुपये का नुकसान हो रहा है. यानी एक दिन में कंपनियों को 2.5 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है. 12 दिनों में कंपनियों को कुल 30 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है. कंपनी के एक अधिकारी बताते हैं कि डीएमओ बार-बार एक ही बात कहते हैं कि वह व्यस्त हैं, समय मिलते ही कर देंगे.
क्या कहते हैं डीएमओ : चाईबासा के जिला खनन पदाधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि जिम्स का सर्वर डाउन हो गया था. वह खुद विभागीय कोर्ट केस लेकर उलझे हैं. इसके चलते समय नहीं दे पा रहे थे.अब सब ठीक हो गया है. जल्द ही डिस्पैच के अॉर्डर जारी कर दिये जायेंगे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें