कोल इंडिया : 46 हजार कर्मियों को 500 से भी कम पेंशन

रांची: कोल इंडिया के 46 हजार से अधिक कर्मियों को 500 रुपये से भी कम पेंशन मिल रही है. मात्र 8798 कर्मियों को ही 20 हजार रुपये से अधिक पेंशन मिल रही है. कोल इंडिया में काम करनेवाले कर्मी पेंशन स्कीम में संशोधन की मांग कर रहे हैं. सीएमपीएफ की ओर से जारी अद्यतन रिपोर्ट […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 12, 2016 2:02 AM
रांची: कोल इंडिया के 46 हजार से अधिक कर्मियों को 500 रुपये से भी कम पेंशन मिल रही है. मात्र 8798 कर्मियों को ही 20 हजार रुपये से अधिक पेंशन मिल रही है. कोल इंडिया में काम करनेवाले कर्मी पेंशन स्कीम में संशोधन की मांग कर रहे हैं. सीएमपीएफ की ओर से जारी अद्यतन रिपोर्ट में बताया गया है कि अभी चार लाख 71 हजार 69 लोगों को पेंशन मिल रही है. वहीं पेंशन में पैसा जमा करनेवालों की संख्या चार लाख 46 हजार है. इसमें करीब 75 हजार ठेका मजदूर भी शामिल हैं.

कोल माइंस प्रोविडेंट फंड ने पिछले सप्ताह बैठक कर पेंशन की स्थिति पर चिंता जतायी. बैठक में जानकारी दी गयी कि अभी प्रति माह 191.14 करोड़ रुपये पेंशन पर खर्च हो रहे हैं. सीएमपीएफ में अभी करीब 13383 करोड़ रुपये हैं. जिस गति से पेंशन पर पैसे खर्च हो रहे हैं, उस हिसाब से यह फंड 2020-21 में 2479 करोड़ रुपये हो जायेगा. जिस गति से प्रतिवर्ष कर्मी सेवानिवृत्त हो रहे हैं, इससे जल्द ही फंड में पैसा नहीं होगा.

हर साल रिटायर हो रहे हैं 17 हजार कर्मी : कोल इंडिया में हर साल करीब 17 हजार कर्मी रिटायर हो रहे हैं. इस हिसाब से बहाली नहीं हो रही है. फंड में योगदान करीब 15 फीसदी हर साल हो रहा है. इसकी तुलना में करीब 20 फीसदी पेंशन मद से राशि निकल रही है. हर साल फंड करीब पांच फीसदी के नुकसान में चल रहा है.
मात्र 27 रुपये है प्रबंधन का योगदान : कोल माइंस प्रोविडेंट फंड स्कीम में बेसिक की 1.16 फीसदी राशि पेंशन मद में दिये जाने का प्रावधान है. इसका मूल वेतन का लिमिट 1600 रुपये तक कर दिया गया है. इस कारण करीब 27 रुपये का योगदान प्रबंधन की ओर से होता है. अभी सभी कर्मियों का मूल वेतन इससे कई गुणा ज्यादा हो गया है.
एक्च्यूरी ने क्या सलाह दी : सीएमपीएफ की स्थिति का आकलन करने के लिए बनी एक्च्यूरी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पेंशन मद में कर्मियों के योगदान की राशि बढ़ायी जानी चाहिए. इसका आकलन अभी 10 माह के अंतिम वेतन पर होता है. इसे 60 माह किया जाना चाहिए.
क्या है यूनियन की मांगें : एटक नेता लखन लाल महतो कहते हैं कि कम से कम एक हजार रुपये पेंशन सभी कर्मियों को मिलनी चाहिए. इससे करीब 66.84 करोड़ रुपये प्रति वर्ष अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. सरकार को पेंशन स्कीम में बदलाव भी करना चाहिए. कोयला उत्पादन करने वाली सभी कंपनियों से डिस्पैच में कुछ राशि लेनी चाहिए.
क्या कहते हैं बोर्ड ऑफ ट्रस्टी के सदस्य
सीएमपीएफ बोर्ड ऑफ ट्रस्टी के डीडी रामानंदन कहते हैं कि ट्रस्ट ने सरकार को तीन सुझाव दिये हैं.कहा है कि प्रति टन कोयले के उठाव में सेस का प्रावधान होना चाहिए. 1.16 फीसदी जो पेंशन मद में कर्मियों के बेसिक से जाता है, इसके लिए तय लिमिट को हटा दिया जाये. पेंशन मद के लिए एक पैकेज कोल इंडिया को देना चाहिए, जिससे इस कमी को दूर किया जा सके.
कोल इंडिया में कितने काे कितनी पेंशन
पेंशन संख्या
1-500 46048
501-1000 71743
1001-1500 57922
1501 -2000 67593
2001-5000 136482
5001-10000 74896
10001-20000 7587
20001 से अधिक 8798

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